काल के पंजे से माता बचाओ,
जय माँ अष्ट भवानी,
काल के पंजे से माता बचाओ,
जय माँ अष्ट भवानी ।
हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम,
ओ शेरोवाली,
ऊँचे डेरों वाली,
बिगड़े बना दे मेरे काम ॥
ऐसा कठिन पल,
ऐसे घडी है,
विपदा आन पड़ी है,
तू ही दिखा अब रास्ता,
ये दुनिया रस्ता रोके खड़ी है,
मेरा जीवन बना इक संग्राम,
ओ शेरोवाली,
ऊँचे डेरों वाली,
बिगड़े बना दे मेरे काम ॥
हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम,
ओ शेरोवाली,
ऊँचे डेरों वाली,
बिगड़े बना दे मेरे काम ॥
भक्तों को दुष्टों से छुड़ाए,
बुझती जोत जगाए,
जिसका नहीं है कोई जगत में,
तू उसकी बन जाए,
तीनो लोक करे तोहे प्रणाम,
ओ शेरोवाली,
ऊँचे डेरों वाली,
बिगड़े बना दे मेरे काम ॥
हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम,
ओ शेरोवाली,
ऊँचे डेरों वाली,
बिगड़े बना दे मेरे काम ॥
तू ही लेने वाली माता,
तू ही देने वाली,
तेरी जय जयकार करूँ मैं,
भारदे झोली खाली,
काम सफल हो मेरा,
दे ऐसा वरदान,
तेरे बल से हो जाये,
निर्बल भी बलवान ।
बिच भँवर मे डौल रही है,
पार लगा दे नैय्या,
जय जगदम्बे अष्टभवानी,
अम्बे गौरी मैय्या,
किसकी बलि चढ़ाउ तुझपे,
तू प्रसन्न हो जाए ।
दुश्मन थर-थर काँपे माँ,
जब तू गुस्से में आये ॥
काल के पंजे से माता बचाओ,
जय माँ अष्ट भवानी,
काल के पंजे से माता बचाओ,
जय माँ अष्ट भवानी ।
हे नाम रे सबसे बड़ा तेरा नाम,
ओ शेरोवाली,
ऊँचे डेरों वाली,
बिगड़े बना दे मेरे काम ॥
समुद्र मंथन के दौरान जब असुर और देवताओं में स्पर्धा हो रही थी, तब माता लक्ष्मी प्रकट हुई थीं। माता लक्ष्मी के प्रताप से समस्त जगत बिजली की तरह जगमगा उठा था।
भारतवर्ष में मनाए जाने वाले सभी पर्वों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्त्व है। इसे दीपोत्सव भी कहते हैं।
दीपावली के पावन पर्व पर हर व्यक्ति यह चाहता है कि वह मां लक्ष्मी का पूजन इस प्रकार करें कि उसे मनवांछित फल की प्राप्ति हो।
विजय का मतलब होता है जीत। अष्ट लक्ष्मी का एक स्वरूप विजय लक्ष्मी, विजया लक्ष्मी या जया लक्ष्मी का भी है जो जीत का ही प्रतीक माना गया है।