हमने आँगन नहीं बुहारा,
कैसे आयेंगे भगवान् ।
मन का मैल नहीं धोया तो,
कैसे आयेंगे भगवान् ॥
हर कोने कल्मष-कषाय की,
लगी हुई है ढेरी ।
नहीं ज्ञान की किरण कहीं है,
हर कोठरी अँधेरी ।
आँगन चौबारा अँधियारा,
कैसे आयेंगे भगवान् ॥
हृदय हमारा पिघल न पाया,
जब देखा दुखियारा ।
किसी पन्थ भूले ने हमसे,
पाया नहीं सहारा ।
सूखी है करुणा की धारा,
कैसे आयेंगे भगवान् ॥
अन्तर के पट खोल देख लो,
ईश्वर पास मिलेगा ।
हर प्राणी में ही परमेश्वर,
का आभास मिलेगा ।
सच्चे मन से नहीं पुकारा,
कैसे आयेंगे भगवान् ॥
निर्मल मन हो तो रघुनायक,
शबरी के घर जाते ।
श्याम सूर की बाँह पकड़ते,
शाग विदुर घर खाते ।
इस पर हमने नहीं विचारा,
कैसे आयेंगे भगवान् ॥
हमने आँगन नहीं बुहारा,
कैसे आयेंगे भगवान् ।
मन का मैल नहीं धोया तो,
कैसे आयेंगे भगवान् ॥
हिंदू धर्म में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। 2025 की शुरुआत में सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में जाने से कई राशि प्रभावित होंगे। सूर्य का मकर गोचर 14 जनवरी 2025 को सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर होगा।
2025 में विभिन्न ग्रह अपनी राशि परिवर्तन करेंगे। इसमें गुरु का भी गोचर होगा। वैदिक ज्योतिष शास्त्र में देवताओं के गुरु बृहस्पति सभी ग्रहों में सबसे खास और असरकारक ग्रह माने जाते हैं।
2025 में शुक्र ग्रह एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करेंगे। इसका प्रभाव 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी प्रकार से अवश्य पड़ेगा। दैत्यों के गुरु शुक्र को प्रेम-आकर्षण, कामना, सुख-समृद्धि, धन-वैभव का कारक ग्रह माना जाता है।
शनिदेव 29 मार्च 2025 को देर रात 11 बजकर 01 मिनट पर कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में गोचर करेंगे। इस राशि में शनिदेव ढाई साल तक रहेंगे।