हनुमान जी मिलेंगे,
राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
हनुमत के सीने में,
बसते है राम जी,
तेरी झोली भरेंगे,
बस राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
लाल लंगोटा सोहे,
हाथों में सोटा,
तेरी रक्षा करेंगे,
बस राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
भक्त शिरोमणि,
हनुमत कहाते,
भय शोक मिटेंगे,
बस राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
हनुमान जी मिलेंगे,
राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
भारत की धर्म और संस्कृति में प्रकृति सम्मान की परंपरा भी है। वही वजह है कि देश में नदियों को तक माता का स्थान दिया गया है। नदियां हमारे देश के लिए जीवनदायिनी रही हैं।
देवों के देव महादेव को उनके भोले स्वभाव के कारण भोलेनाथ भी कहा जाता है। भगवान शिव का स्वभाव जितना भोला है, उतना ही तेज है उनका क्रोध।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, हिंदू धर्म में तैंतीस करोड़ या तैंतीस कोटि देवी-देवता हैं। हालांकि यह भी कहा जाता है कि कुल तैंतीस देवता हैं, जिनमें 8 वसु, 11 रुद्र, 12 आदित्य, इंद्र, प्रजापति शामिल हैं।
जब से सृष्टि है, तब से सनातन धर्म है और तब से ही हमारे देवी-देवता। हिंदू धर्म में सभी देवताओं का अपना महत्व और उनकी आराधना करने का अलग-अलग विधान और फल।