हनुमान जी मिलेंगे,
राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
हनुमत के सीने में,
बसते है राम जी,
तेरी झोली भरेंगे,
बस राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
लाल लंगोटा सोहे,
हाथों में सोटा,
तेरी रक्षा करेंगे,
बस राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
भक्त शिरोमणि,
हनुमत कहाते,
भय शोक मिटेंगे,
बस राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
हनुमान जी मिलेंगे,
राम राम बोल,
राम राम बोल,
ना लगे है कोई मोल,
हनुमान जी मिलेगे,
राम राम बोल ॥
फाल्गुन महीना हिंदू कैलेंडर में साल का आखिरी महीना होता है। इस महीने ग्रीष्म ऋतु का आगमन होने लगता है। होली और महाशिवरात्रि जैसे महत्वपूर्ण त्योहार भी इसी महीने में आते हैं।
महाशिवरात्रि इस साल बुधवार, 26 फरवरी 2025, के दिन मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा का विशेष विधान है। इस दिन शिवलिंग पर भिन्न-भिन्न प्रकार की वस्तुएं अर्पित की जाती हैं। इन्हीं में से एक है रुद्राक्ष।
फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होली मनाई जाती है। इस दिन पूरा देश अबीर-गुलाल और रंग में सराबोर रहता है। हर कोई एक-दूसरे पर प्यार के रंग बरसाते हैं। होली के रंगों को प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है।
सनातन हिंदू धर्म में, अन्वाधान व इष्टि दो प्रमुख अनुष्ठान हैं। जिसमें भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए किया करते हैं। इसमें प्रार्थना व पूजा कुछ समय के लिए यानी छोटी अवधि के लिए ही की जाती है।