सारे हार गए जोर लगाई करके,
हनुमान ने कर दिया काम,
चुटकी बजाई करके ॥
सीता को रावण हर लाया,
चिंतित थे श्री राम,
सात समंदर लांघे कैसे,
कौन करे ये काम,
सिया की सुध ल्याया,
लंका जलाई करके,
हनूमान ने कर दिया काम,
चुटकी बजाई करके ॥
शक्ति बाण लगी लक्ष्मण को,
घबराए श्री राम,
कौन है ऐसा वीर,
बचाए लक्ष्मण जी के प्राण,
बचाया लक्ष्मण को,
संजीवन लाए करके,
हनूमान ने कर दिया काम,
चुटकी बजाई करके ॥
भक्तों का ये संकट काटे,
संकट मोचन नाम,
‘सौरभ मधुकर’ बजरंगी का,
सालासर में धाम,
अपने भक्तो को,
गले से लगाए करके,
हनूमान ने कर दिया काम,
चुटकी बजाई करके ॥
सारे हार गए जोर लगाई करके,
हनुमान ने कर दिया काम,
चुटकी बजाई करके ॥
असत्य पर सत्य की विजय का पर्व विजयदशमी देशभर में मनाया जाता है। हमारी सांस्कृतिक और धार्मिक आस्था का यह त्योहार देश के विभिन्न हिस्सों में अपनी अनूठी शैली से मनाया जाता है।
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दशहरे का महत्व, उससे जुड़ी मान्यताओं और पौराणिक कथाओं के विषय में विस्तृत जानकारी आपको भक्त वत्सल के विभिन्न लेखों के माध्यम से हमने दी हैं।
नवरात्रि का समापन नवमी तिथि को होता है और अगले दिन विजयादशमी या दशहरा मनाया जाता है। यह असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक त्योहार है।