हनुमत के गुण गाते चलो (Hanumat Ke Gun Gate Chalo)

हनुमत के गुण गाते चलो,

प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो,

राह में आए जो कोई दुखी,

किरपा सभी पे बहाते चलो,

प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो ॥


सारी दुनिया ने ठुकराया,

द्वार पे अर्जी लगाया,

चारों ओर अँधेरा छाया,

तब मैंने तुझको बुलाया,

आशा के दीप जलाते चलो,

किरपा सभी पे बहाते चलो,

प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो ॥


भक्तों के हो तुम प्रतिपाला,

संकट मोचन बाला,

गल वैजन्ती माला सुन्दर,

लाल लंगोटे वाला,

सारे जग में है तेरा ही नाम,

किरपा सभी पे बहाते चलो,

प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो ॥


चारों ओर है सिर्फ निराशा,

केवल तेरी ही आशा,

मैंने जब जब तुझको पुकारा,

तेरी शरण ही सहारा,

ध्यान लगा के रटते चलो,

किरपा सभी पे बहाते चलो,

प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो ॥


हनुमत के गुण गाते चलो,

प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो,

राह में आए जो कोई दुखी,

किरपा सभी पे बहाते चलो,

प्रेम की श्रद्धा बहाते चलो ॥

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मार्गशीर्ष शुक्ल की मोक्षदा एकादशी (Margshersh Sukal Ki Mouchda Ekadashi) )

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर बोले- हे दशी जनार्दन आपको नमस्कार है। हे देवेश ! मनुष्यों के कल्याण के लिए मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी का नाम एवं माहात्म्य वर्णन कर यह बतलाइये कि उसकीएकादशी माहात्म्य-भाषा विधि क्या है?

चटक रंग में (Chatak Rang Me)

चटक रंग में, मटक रंग में,
धनीलाल रंग में, गोपाल रंग में ।

काशी नगरी से, आए है शिव शम्भू - भजन (Kashi Nagri Se Aaye Hai Shiv Shambhu)

सुनके भक्तो की पुकार,
होके नंदी पे सवार,

चली जा रही है उमर धीरे धीरे (Chali Ja Rahi Hai Umar Dheere Dheere)

चली जा रही है उमर धीरे धीरे,
पल पल यूँ आठों पहर धीरे धीरे,

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