हर घडी भोले दिल में, रहा कीजिये - भजन (Har Ghadi Bhole Dil Mein Raha Kijiye)

हर घडी भोले दिल में,

रहा कीजिये,

चरणों में प्रभु जी,

जगह दीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


जो भी शरण में आया तुम्हारी,

उसको प्रभु जी निभाया,

जो भी शरण में आया तुम्हारी,

उसको प्रभु जी निभाया,

मुझको भी निभाना,

वचन दीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


मुझे क्या पता है हे मेरे मालिक,

कैसे भला हो हमारा,

मुझे क्या पता है हे मेरे मालिक,

कैसे भला हो हमारा,

जो भी आप चाहे वही कीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


जो भी किया है कैसे बताऊँ,

बताने के लायक नहीं है,

जो भी किया है कैसे बताऊँ,

बताने के लायक नहीं है,

बालक हूँ तुम्हारा क्षमा कीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


‘बनवारी’ मेरी कोशिश यही है,

तुमको मैं अपना बना लूँ,

‘बनवारी’ मेरी कोशिश यही है,

तुमको मैं अपना बना लूँ,

कोशिश ये हमारी सफल कीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥


हर घडी भोले दिल में,

रहा कीजिये,

चरणों में प्रभु जी,

जगह दीजिये,

हर घड़ी भोले दिल में,

रहा कीजिये ॥

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मैं तो अपने श्याम की दीवानी बन जाउंगी - भजन (Main To Apne Shyam Ki Diwani Ban Jaungi)

मैं तो अपने श्याम की,
दीवानी बन जाउंगी,

जिस घर में मैया का, सुमिरन होता(Jis Ghar Mein Maiya Ka Sumiran Hota)

जिस घर में मैया का,
सुमिरन होता,

नवरात्री वृत कथा (Navratri Vrat Katha)

माँ दुर्गाकी नव शक्तियोंका दूसरा स्वरूप ब्रह्मचारिणीका है। यहाँ श्ब्राश् शब्दका अर्थ तपस्या है। ब्रह्मचारिणी अर्थात् तपकी चारिणी-तपका आचरण करनेवाली। कहा भी है वेदस्तत्वं तपो ब्रह्म-वेद, तत्त्व और तप श्ब्राश् शब्दक अर्थ हैं।

करवा चौथ व्रत कथा (Karwa Chauth Vrat Katha)

करवा चौथ की सबसे प्रसिद्ध कहानी के अनुसार देवी करवा अपने पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहा करती थीं। एक दिन करवा के पति नदी में स्नान करने गए तो एक मगरमच्छ ने उनका पैर पकड़ लिया और उन्हें जल में खिंचने लगा

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