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हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके (Har Ghadi Yaad Teri Aaye Sautan Banke)

हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके (Har Ghadi Yaad Teri Aaye Sautan Banke)

हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


इक जमाना था बुलाने से चला आता था,

मुझको कण कण में तेरा चेहरा नजर आता था,

टूट गई मैं तेरे चेहरे का दर्पण बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,

हर घड़ी याद तेरी आये सोतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


शीशे जैसा मेरा दिल था जो तूने तोड़ दिया,

मुझको लगता है किसी और से दिल जोड़ लिया,

अब तो हर रात मुझे ढसती है नागिन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,

हर घड़ी याद तेरी आये सोतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


दर्द अब दिल का बढ़ाने से भला क्या होगा,

श्याम जो रूठा साथ छूटा अब कहाँ होगा,

श्याम ब्रिज वास करूँ फिरती हूँ बावरी बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके,

हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


हर घड़ी याद तेरी आये सौतन बनके,

मैं फिरूँ श्याम तेरे नाम की जोगन बनके ॥


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प्राणो से भी प्यारा, दादी धाम तुम्हारा (Prano Se Bhi Pyara Dadi Dham Tumhara)

प्राणो से भी प्यारा,
दादी धाम तुम्हारा,

खरमास माह में तुलसी पूजा का महत्व

सनातन धर्म में तुलसी का खास महत्व है। तुलसी को लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। इसलिए, बिना तुलसी के श्रीहरि की पूजा पूरी नहीं मानी जाती। सभी घरों में सुबह-शाम तुलसी पूजा की जाती है।

खरमास में शादी-विवाह क्यों रहते हैं बंद

15 दिसंबर से खरमास शुरू होने वाला है। इस दौरान किसी भी तरह का कोई भी मांगलिक कार्य जैसे:- शादी-विवाह, गृह प्रवेश या फिर मांगलिक संस्कार नहीं किए जाते ।

खरमास की कथा

सनातन धर्म में खरमास को विशेष महत्व बताया गया है। यह एक ऐसा समय होता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में रहते हैं जिसमें मांगलिक कार्य पर रोक रहती है। इस साल खरमास रविवार, 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है जो 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।

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