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हर हाल में खुश रहना (Har Haal Me Khush Rehna)

हर हाल में खुश रहना (Har Haal Me Khush Rehna)

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।

महफ़िल में जुदा रहना, संतो से सीख जाएं ।

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ॥


सुख दुःख में हसना रोना, है काम कायरो का ।

सुख दुःख में हसना रोना, है काम कायरो का ।

दोनों में मुस्कुराना, संतो से सीख जाएं ॥

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।


झंझट से भाग जाना, सब लोग बताते है ।

झंझट से भाग जाना, सब लोग बताते है ।

झंझट में बच के रहना, संतो से सीख जाएं ॥

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।


मरने के बाद मुक्ति, सब लोग बताते है ।

मरने के बाद मुक्ति, सब लोग बताते है ।

जीते जी मुक्त होना, संतो से सीख जाएं ॥

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।


दुनिया के लोग दौलत, पाकर के मुस्कुराते ।

दुनिया के लोग दौलत, पाकर के मुस्कुराते ।

पर भिछु बन के हसना, संतो से सीख जाएं ॥

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।

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पापमोचनी एकादशी विष्णु पूजा विधि

पापमोचनी एकादशी व्रत पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है, और इसे पापों से मुक्ति दिलाने वाला व्रत माना गया है। पापमोचनी एकादशी व्रत का वर्णन स्कंद पुराण में किया गया है, जहां इस बात की चर्चा की गई है, की इस व्रत का पालन करने से मनुष्य अपने पिछले जन्मों के दोषों से भी मुक्त हो सकता है।

विष्णु चालीसा पाठ

शास्त्रों के अनुसार, पापमोचनी एकादशी व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन व्रत करने और भगवान विष्णु की विशेष पूजा-अर्चना करने से भक्त के सभी पाप समाप्त होते हैं।

पापमोचनी एकादशी मुहूर्त और पूजा विधि

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना और व्रत करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति करता है।

चैत्र अमावस्या मुहूर्त और तिथि

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र अमावस्य को बहुत महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। यह हिंदू नववर्ष की शुरुआत के एक दिन पहले मनाई जाती है।

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