हर हाल में खुश रहना (Har Haal Me Khush Rehna)

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।

महफ़िल में जुदा रहना, संतो से सीख जाएं ।

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ॥


सुख दुःख में हसना रोना, है काम कायरो का ।

सुख दुःख में हसना रोना, है काम कायरो का ।

दोनों में मुस्कुराना, संतो से सीख जाएं ॥

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।


झंझट से भाग जाना, सब लोग बताते है ।

झंझट से भाग जाना, सब लोग बताते है ।

झंझट में बच के रहना, संतो से सीख जाएं ॥

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।


मरने के बाद मुक्ति, सब लोग बताते है ।

मरने के बाद मुक्ति, सब लोग बताते है ।

जीते जी मुक्त होना, संतो से सीख जाएं ॥

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।


दुनिया के लोग दौलत, पाकर के मुस्कुराते ।

दुनिया के लोग दौलत, पाकर के मुस्कुराते ।

पर भिछु बन के हसना, संतो से सीख जाएं ॥

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।

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क्यों मनाते हैं रथ सप्तमी

रथ सप्तमी सनातन हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है। यह माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को मनाया जाता है। 2025 में यह त्योहार 4 फरवरी को मनाई जाएगी।

श्री नृसिंह द्वादशनाम स्तोत्रम्

नरसिंह द्वादशी के दिन भगवान विष्णु के सिंह अवतार की पूजा की जाती है। पौराणिक कथा और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने भक्त प्रहलाद की रक्षा करने के लिए नरसिंह रूप में अवतार लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया था।

जानकी स्तुति - भई प्रगट कुमारी (Janaki Stuti - Bhai Pragat Kumari)

भई प्रगट कुमारी
भूमि-विदारी

नाम है तेरा कृष्ण कन्हैया नाथद्वारा सन्मुख होगा (Naam Hai Tera Krishna Kanhaiya)

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