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हरि नाम नहीं तो जीना क्या (Hari Nam Nahi Too Jeena Kya)

हरि नाम नहीं तो जीना क्या (Hari Nam Nahi Too Jeena Kya)

हरि नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरि नाम जगत में,

इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥


काल सदा अपने रस डोले,

ना जाने कब सर चढ़ बोले।

हर का नाम जपो निसवासर,

अगले समय पर समय ही ना ॥


हरि नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरि नाम जगत में,

इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥


भूषन से सब अंग सजावे,

रसना पर हरि नाम ना लावे।

देह पड़ी रह जावे यही पर,

फिर कुंडल और नगीना क्या ॥


हरि नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरि नाम जगत में,

इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥


तीरथ है हरि नाम तुम्हारा,

फिर क्यूँ फिरता मारा मारा।

अंत समय हरि नाम ना आवे,

फिर काशी और मदीना क्या ॥


हरि नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरि नाम जगत में,

इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥


हरि नाम नहीं तो जीना क्या

अमृत है हरि नाम जगत में,

इसे छोड़ विषय विष पीना क्या ॥

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शुक्रवार के मंत्र

सनातन धर्म में शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी और भगवान शुक्र देव को समर्पित होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन अगर श्रद्धा और विधिपूर्वक कुछ विशेष मंत्रों का जाप किया जाए तो धन, सुख और सौंदर्य से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

शनिवार के मंत्र

शनिवार का दिन हिंदू धर्म में विशेष रूप से शनि देव की उपासना के लिए जाना जाता है। यह दिन कर्मफलदाता शनि देव को समर्पित होता है, जो हमारे अच्छे-बुरे कर्मों का फल देते हैं।

रविवार के मंत्र

हर सप्ताह का एक खास दिन होता है और रविवार सूर्य देव को समर्पित माना गया है। यह दिन शक्ति, ऊर्जा और आत्मविश्वास से जुड़ा होता है। मान्यता है कि रविवार के दिन विशेष मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को मान-सम्मान, यश और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।

सोमवार की आरती

भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। क्योंकि हिंदू धर्म में सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है।

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