हरी नाम सुमिर सुखधाम,
हरी नाम सुमिर सुखधाम
जगत में जीवन दो दिन का
पाप कपट कर माया जोड़ी,
गर्व करे धन का
॥ हरी नाम सुमिर सुखधाम...॥
सभी छोड़ कर चला मुसाफिर,
वास हुआ वन का
सुन्दर काया देख लुभाया,
लाड कर तन का
छूटा स्वास बिखर गयी देहि,
जो माया मन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का
जो बनवारी लगे प्यारी प्यारी,
मौज करे मन का
काल बलि का लगे तमाचा,
भूल जाये धन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का
यह संसार स्वप्न की माया,
मेला पल छिन का
ब्रह्मा नन्द भजन कर बन्दे,
मात निरंजन का
पाप कपट कर माया जोड़ी,
गर्व करे धन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
हरी नाम सुमिर सुखधाम
जगत में जीवन दो दिन का
पाप कपट कर माया जोड़ी,
गर्व करे धन का
कुंभ मेले का प्रमुख आकर्षण शाही स्नान होता है। जिसमें सबसे पहले अखाड़ों के साधु-संत, विशेष रूप से नागा साधु, पवित्र नदियों में स्नान करते हैं।
12 जनवरी से प्रयागराज में कुंभ मेले की शुरुआत हो रही है। यह दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन है, जिसमें पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए करोड़ों श्रद्धालु पहुंचने वाले हैं।
सनातन धर्म में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने का विशेष महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान की पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को मानसिक शांति मिलती है और जातक के जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
देवों के देव महादेव को भांग बेहद प्रिय है। जब भी भगवान शिव की पूजा-अर्चना की जाती है, तो उन्हें भांग जरूर चढ़ाना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि अगर भगवान शिव की पूजा में भांग न हो, तो पूजा अधूरी मानी जाती है।