हरी नाम सुमिर सुखधाम,
हरी नाम सुमिर सुखधाम
जगत में जीवन दो दिन का
पाप कपट कर माया जोड़ी,
गर्व करे धन का
॥ हरी नाम सुमिर सुखधाम...॥
सभी छोड़ कर चला मुसाफिर,
वास हुआ वन का
सुन्दर काया देख लुभाया,
लाड कर तन का
छूटा स्वास बिखर गयी देहि,
जो माया मन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का
जो बनवारी लगे प्यारी प्यारी,
मौज करे मन का
काल बलि का लगे तमाचा,
भूल जाये धन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का
यह संसार स्वप्न की माया,
मेला पल छिन का
ब्रह्मा नन्द भजन कर बन्दे,
मात निरंजन का
पाप कपट कर माया जोड़ी,
गर्व करे धन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
जगत में जीवन दो दिन का
हरी नाम सुमिर सुखधाम,
हरी नाम सुमिर सुखधाम
जगत में जीवन दो दिन का
पाप कपट कर माया जोड़ी,
गर्व करे धन का
राम नाम ना गाया तूने,
बस माया ही जोड़ी,
वो कितने धनवान धनी जो
राम के दर्शन पाते हैं
पूरब से जब सूरज निकले,
सिंदूरी घन छाए,
राम के दुलारे एक काम कर दे,
प्यारे हनुमान एक काम कर दे,