हरि तुम हरो जन की भीर(Hari Tum Haro Jan Ki Bhir)

हरि तुम हरो जन की भीर।

द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥

हरि तुम हरो जन की भीर...


भगत कारण रूप नरहरि धर्‌यो आप शरीर॥

हिरण्यकश्यप मारि लीन्हो धर्‌यो नाहिन धीर॥

हरि तुम हरो जन की भीर...


बूड़तो गजराज राख्यो कियौ बाहर नीर॥

दासी मीरा लाल गिरधर चरणकंवल सीर॥


हरि तुम हरो जन की भीर।

द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥


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मेरे घर राम आये है (Mere Ghar Ram Aaye Hai)

मेरी चौखट पे चलके आज,
चारों धाम आए है,

मैया तेरे नवराते हैं, मैं तो नाचू छम छमा छम (Maiya Tere Navratre Hai Mai To Nachu Cham Cham)

मैया तेरे नवराते हैं,
मैं तो नाचू छम छमा छम,

चैत्र शुक्ल कामदा नामक एकादशी व्रत-माहात्म्य (Chaitr Shukl Kaamda Naamak Ekaadashee Vrat-Maahaatmy)

इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर ने कहा- भगवन्! आपको कोटिशः धन्यवाद है जो आपने हमें ऐसी सर्वोत्तम व्रत की कथा सुनाई।

अगहन को मार्गशीर्ष क्यों कहते हैं

मार्गशीर्ष मास धर्म, भक्ति और ज्योतिषीय महत्व से परिपूर्ण एक विशिष्ट मास माना जाता है। यह मास भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है और इसे अत्यंत शुभ भी माना जाता है।

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