हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ।
अब तो जीवन हारे, प्रभु शरण हैं तिहारे ॥
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे... हे गोविंद ॥
नीर पिवन हेतु गयो सिन्धू के किनारे,
सिन्धु बीच बसत ग्राह चरण धरि पछारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ॥
चार पहर युद्ध भयो ले गयो मझधारे,
नाक कान डूबन लागे कृष्ण को पुकारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ॥
द्वारिका में शब्द गयो शोर भयो द्वारे,
शंख चक्र गदा पद्म गरुड़ तजि सिधारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ॥
सूर कहे श्याम सुनो शरण हैं तिहारे,
अबकी बेर पार करो नन्द के दुलारे,
हे गोविन्द हे गोपाल अब तो जीवन हारे ॥
॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस तिथि पर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और गण्ड योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि है। इस तिथि पर हस्त नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है।
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि है। इस तिथि पर चित्रा नक्षत्र और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा तुला राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।
होली भाई दूज भाई-बहन के प्रेम और स्नेह के प्रतीक का त्योहार है, जो होली के बाद मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को तिलक कर उसकी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि की प्रार्थना करती है।