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Hey Bhole Baba Hey Bhandari (हे भोले बाबा हे भंडारी)

Hey Bhole Baba Hey Bhandari (हे भोले बाबा हे भंडारी)

हे भोले बाबा हे भंडारी,

नाम जपूँ तेरा,

ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा,

डमरू वाला दीनदयाला,

डमरू वाला दीनदयाला,

ध्यान धरूँ तेरा,

ओ शम्भू मेरे ध्यान धरूँ तेरा,

हे भोलें बाबा हे भंडारी,

नाम जपूँ तेरा,

ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा ॥


जीवन से तुम दुःख के कांटे,

शंकर अब मिटा दो,

मैं भी हंसना गाना चाहूँ,

सुख के फूल खिला दो,

हे महादेवा हाथ जोड़ के,

हे महादेवा हाथ जोड़ के,

वंदन करूँ तेरा,

ओ शम्भू मेरे वंदन करूँ तेरा,

हे भोलें बाबा हे भंडारी,

नाम जपूँ तेरा,

ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा ॥


मारग से फिरूं भटका भटका,

राह सही दिखला दो,

रस्ता मुश्किल धुंधली मंजिल,

ज्ञान का दीप जला दो,

उमापति महाकाल महेश्वर,

उमापति महाकाल महेश्वर,

दास रहूं तेरा,

ओ शम्भू मेरे दास रहूं तेरा,

हे भोलें बाबा हे भंडारी,

नाम जपूँ तेरा,

ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा ॥


जीवन का आधार तू ही है,

तू ही मेरा सहारा,

प्यारा लगता बाबा मुझको,

चौखट तेरा द्वारा,

गंगाधर मेरे शिव शंकर,

गंगाधर मेरे शिव शंकर,

बालक हूँ मैं तेरा,

ओ शम्भू मेरे बालक हूँ मैं तेरा,

हे भोलें बाबा हे भंडारी,

नाम जपूँ तेरा,

ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा ॥


हे भोले बाबा हे भंडारी,

नाम जपूँ तेरा,

ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा,

डमरू वाला दीनदयाला,

डमरू वाला दीनदयाला,

ध्यान धरूँ तेरा,

ओ शम्भू मेरे ध्यान धरूँ तेरा,

हे भोलें बाबा हे भंडारी,

नाम जपूँ तेरा,

ओ शम्भू मेरे नाम जपूँ तेरा ॥

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32 साल से नहीं नहाए हैं छोटू बाबा

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। 48 दिनों तक चलने वाले इस विशाल धार्मिक मेले में लाखों श्रद्धालु और साधु-संत देश-विदेश से आने वाले हैं। इस भीड़ में एक नाम जो खास तौर पर ध्यान खींच रहा है, वह है असम के गंगापुरी महाराज, जिन्हें छोटू बाबा के नाम से भी जाना जाता है।

41 साल से मौन, IAS-की फ्री कोचिंग दे रहे हैं 'चाय वाले बाबा'

महाकुंभ के विशाल मेले में, जहां लाखों लोग धर्म और आध्यात्म की तलाश में जुटते हैं, वहां एक अनोखा दृश्य देखने को मिल रहा है। एक पायाहारी मौनी बाबा, जो पिछले 41 साल से मौन धारण किए हुए हैं, छात्रों को सिविल सेवा की मुफ्त कोचिंग दे रहे हैं।

144 बाद कुंभ में ये दुर्लभ संयोग

प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। करोड़ों श्रद्धालु और लाखों साधु संत त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए पहुंचने वाले हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका सीधा संबंध देवताओं से जुड़ा हुआ है।

प्रयागराज के 5 ऐतिहासिक और धार्मिक मंदिर

महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इस पवित्र अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम तट पर एकत्र होने के लिए तैयार हैं। यदि आप भी इस आध्यात्मिक महासमागम का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो प्रयागराज के इन 5 प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करना न भूलें।

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