है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे,
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे ॥
पिया है भांग बजी है बीट,
चढ़ी है मस्ती गायेंगे गीत,
छोड़ के सारी फिक्रा खुशियां बाटेंगे ॥
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे,
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे ॥
दुल्हन बनी है गौरा मैया,
नंदी पे है शंकर शम्भू,
सखियाँ छेड़ रही गौरा को,
बाराती बड़े भयंकर,
मची है धूम रहे सारे घूम,
रहे सारे घूम मची है धूम,
अजी चाँद सितारे आसमान से झाकेंगे ॥
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे,
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे ॥
युगो युगो में बनती है कभी,
शिव गौरा सी जोड़ी,
एक भभूति वाले बाबा,
गौरा गौरी गौरी,
प्यार का खेल हुए है मेल,
हुए है मेल प्यार का खेल,
योगी संग राजकुमारी दुख सुख बाटेंगे ॥
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे,
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे ॥
बगड़ बम्ब बम बबम बम बबम,
बबम बम बबम बबम बम बबम,
बबम बम बबम बबम बम बबम,
बम भोले,
शंभू ॥
बगड़ बम्ब बम बबम बम बबम,
बबम बम बबम बबम बम बबम,
बबम बम बबम बबम बम बबम,
बम भोले ॥
जगमग करती शहर की गालियाँ,
बटने लगी मिठाइयां,
रवि राज की ओर से सबको,
लख लख हौण बधाइयां,
हँसराज की ओर से सबको,
लख लख हौण बधाइयां,
लो शिव का नाम बनेंगे काम,
हाँ सुबह शाम लो शिव का नाम,
शिव कष्ट हमारे पलभर क्षण में काटेंगे ॥
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे,
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे ॥
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे,
है भोलेनाथ की शादी हम तो नाचेंगे ॥
इतनी कथा सुन महाराज युधिष्ठिर ने कहा- भगवन्! आपको कोटिशः धन्यवाद है जो आपने हमें ऐसी सर्वोत्तम व्रत की कथा सुनाई।
भगवान् कृष्ण ने कहा- हे पाण्डुनन्दन ! अब मैं तुम्हें बरूथिनी एकादशी व्रत का माहात्म्य सुनाता हूँ सुनिये।
भगवान् कृष्ण के मुखरबिन्द से इतनी कथा सुनकर पाण्डुनन्दन महाराज युधिष्ठिर ने उनसे कहा - हे भगवन् ! आपकी अमृतमय वाणी से इस कथा को सुना परन्तु हृदय की जिज्ञासा नष्ट होने के बजाय और भी प्रबल हो गई है।
इतनी कथा सुनने के बाद महाराज युधिष्ठिर ने पुनः भगवान् कृष्ण से हाथ जोड़कर कहा-हे मधुसूदन । अब आप कृपा कर मुझ ज्येष्ठ मास कृष्ण एकादशी का नाम और मोहात्म्य सुनाइये क्योंकि मेरी उसको सुनने की महान् अच्छा है।