नवीनतम लेख
हे दयामय आप ही संसार के आधार हो।
आप ही करतार हो हम सबके पालनहार हो॥
जन्म दाता आप ही माता पिता भगवान हो।
सर्व सुख दाता सखा भ्राता हो तन धन प्राण हो॥
आपके उपकार का हम ऋण चुका सकते नहीं।
बिन कृपा के शांति सुखका सार पा सकते नहीं॥
दीजिये वह मति बने हम सदगुणी संसार में।
मन हो मंजुल धर्मं मय और तन लगे उपकार में॥
हे दयामय आपका हमको सदा आधार हो।
आपके भक्तों से ही भरपूर यह परिवार हो॥
छोड़ देवें काम को और क्रोध को मद लोभ को।
शुद्ध और निर्मल हमारा सर्वदा आचार हो।
प्रेम से मिल मिल के सारे गीत गायें आपके।
मन में बहता आपका ही प्रेम पारावार हो॥
जय पिता जय जय पिता, हम जय तुम्हारी गा रहे॥
रात दिन घर में हमारे आपकी जयकार हो॥
धन धान्य घर में जो सभी कुछ, आप का ही है दिया।
उसके लिये प्रभु आपको धन्यवाद सौ सौ बार हो॥
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।