हे गणपति हे गणराज,
आपका अभिनन्दन,
मेरे घर में पधारे आज,
आपका अभिनन्दन,
हें गणपति हें गणराज,
आपका अभिनन्दन ॥
गजवदन विनायक देवा,
सुर नर मुनि करते सेवा,
सुर नर मुनि करते सेवा,
रखते भक्तो की लाज,
आपका अभिनन्दन,
हें गणपति हें गणराज,
आपका अभिनन्दन ॥
पहले पूजा करूँ तुम्हारी,
सह परिवार हूँ मैं आभारी,
सह परिवार हूँ मैं आभारी,
मेरे बिगड़े बनाना काज,
आपका अभिनन्दन,
हें गणपति हें गणराज,
आपका अभिनन्दन ॥
रिद्धि सिद्धि के दाता,
‘महावीर’ तेरे गुण गाता,
‘महावीर’ तेरे गुण गाता,
रज चरणों की दो महाराज,
आपका अभिनन्दन,
हें गणपति हें गणराज,
आपका अभिनन्दन ॥
हे गणपति हे गणराज,
आपका अभिनन्दन,
मेरे घर में पधारे आज,
आपका अभिनन्दन,
हें गणपति हें गणराज,
आपका अभिनन्दन ॥
वैशाख माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का विशेष धार्मिक महत्व है। इस दिन भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा से समृद्धि, संतान सुख और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा का व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का वास होता है।
बुद्ध पूर्णिमा, जिसे बुद्ध जयंती भी कहा जाता है, बौद्ध धर्म का प्रमुख पर्व है। यह दिन भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण की तिथि के रूप में मनाया जाता है। इस साल बुद्ध पूर्णिमा 12 मई, सोमवार को है।
नारद जयंती, देवर्षि नारद के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है। इस वर्ष यह पर्व 13 मई, मंगलवार को मनाया जाएगा। यह दिन वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है, जो देवर्षि नारद के जन्म का प्रतीक है।
हिंदू धर्म के महान ऋषि और भगवान विष्णु के परम भक्त, नारद मुनि की जयंती को 'नारद जयंती' के रूप में मनाया जाता है। यह दिन वैषाख मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पड़ता है, जो इस साल 13 मई को है।