हे कृष्ण गोपाल हरि,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि ॥
तुम करता तुम ही कारण,
परम कृपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि ॥
रथ हाके रणभूमि में,
और कर्म योग के मर्म बताये,
अजर अमर है परम तत्व यूँ,
काया के सुख दुःख समझाये,
सखा सारथी शरणागत के,
सदा प्रितपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि ॥
श्याम के रंग में रंग गयी मीरा,
रस ख़ान तो रस की ख़ान हुई,
जग से आखे बंद करी तो,
सुरदास ने दरस किये,
मात यशोदा ब्रज नारी के,
माखन चोर हरी,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि ॥
हे कृष्ण गोपाल हरि,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि,
हे कृष्ण गोपाल हरी,
हे दीन दयाल हरि ॥
भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं। इन सब में सबसे पहला नाम है गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह में स्थित सोमनाथ ज्योतिर्लिंग का।
हिंदू धर्म में ज्योतिर्लिंगों का दर्शन करना और आशीर्वाद पाना बेहद खास माना जाता हैं।
भारत में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों से जुड़ी अपनी पौराणिक कथाएं, धार्मिक महत्व और रहस्य हैं।
भगवान भोलेनाथ अपने अलग-अलग रूपों में देश के कई स्थानों पर विराजमान हैं। इन्हीं में से एक शिव मंदिर मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में भी है जिसे भक्त ओंकारेश्वर के नाम से पहचानते हैं।