हे महाबली हनुमान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,
अब मेरा करो कल्याण,
अब मेरा करो कल्याण,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,
हे महा बली हनुमान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है ॥
रघुवर की धुन में,
प्रभु के भजन में,
तूने तो दुनिया भुलाई,
परछाई बन के,
मन और वचन से,
रघुवर के तुम ही सहाई,
सदा मुख पर राम गुणगान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,
अब मेरा करो कल्याण,
अब मेरा करो कल्याण,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,
हे महा बली हनुमान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है ॥
जिसने पुकारा,
उसको ही तारा,
भाग्य सभी के जगाते,
अंजनी के लाला,
बजरंगी बाला,
भक्तो के दुखड़े मिटाते,
तूने सुख के दिए वरदान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,
अब मेरा करो कल्याण,
अब मेरा करो कल्याण,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,
हे महा बली हनुमान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है ॥
तुझसा ना ज्ञानी,
तुझसा ना दानी,
तू है सभी का सहारा,
जीवन है नैया,
तू है खिवैया,
सब को भवर से उबारा,
तेरी करुणा तले ये जहान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,
अब मेरा करो कल्याण,
अब मेरा करो कल्याण,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,
हे महा बली हनुमान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है ॥
लाल लंगोटा,
हाथ में सोटा,
शोभा अजब है तिहारी,
नर हो या नारी,
तेरे पुजारी,
तुझपे सभी बलिहारी,
तू महावीर बलवान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,
अब मेरा करो कल्याण,
अब मेरा करो कल्याण,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,
हे महा बली हनुमान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है ॥
हे महाबली हनुमान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,
अब मेरा करो कल्याण,
अब मेरा करो कल्याण,
प्रभु तेरी महिमा निराली है,
हे महा बली हनुमान,
प्रभु तेरी महिमा निराली है ॥
हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है, जो भगवान शिव की पूजा को समर्पित होता है। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार प्रदोष व्रत कन्याओं के लिए बेहद खास होता है, इस दिन भोलेनाथ की उपासना करने और व्रत रखने से मनचाहा वर पाने की कामना पूरी होती हैं।
सनातन धर्म में प्रदोष व्रत बेहद फलदायी माना जाता है। इसका इंतजार शिव भक्तों को बेसब्री से रहता है। ऐसी मान्यता है कि इस तिथि पर शिव पूजन करने और उपवास रखने से भगवान शंकर का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शनि प्रदोष का दिन भगवान भोलेनाथ के साथ शनिदेव की पूजा-आराधना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन शनिदेव और शिवजी की पूजा करने से जीवन के समस्त दुखों से छुटकारा मिलता है और शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा समेत अन्य परेशानियां भी दूर होती है।
हर माह के शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग के मुताबिक साल 2025 का पहला प्रदोष व्रत 11 जनवरी को रखा जाएगा, इस दिन शनिवार होने के कारण यह शनि प्रदोष भी कहलाएगा।