हे त्रिपुरारी गंगाधरी(Hey Tripurari Gangadhari)

हे त्रिपुरारी गंगाधरी,

सृष्टि के आधार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥


शिव शंकर है नाम तिहारा,

चंद्रशेखर शिव अगहारा,

दानी महादानी शिव शंकर,

दानी महादानी शिव शंकर,

करते बेड़ा पार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥


गौरा जी के प्राण प्यारे,

कार्तिक गणपत आँख के तारे,

त्रिपुंड धारी है नटराजा,

पहने सर्प हार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥


नीलकंठ जय भीमाशंकर,

महाकाल जय जय अभ्यंकर,

मृगछाला और भस्मी धारी,

जय जय डमरू धार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥


हे त्रिपुरारी गंगाधरी,

सृष्टि के आधार,

शंकर किरपा करुणाकार,

भोले किरपा करुणाकार ॥

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प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला (Prabhu Mere Mann Ko Banado Shivalay)

प्रभु मेरे मन को बना दे शिवाला,
तेरे नाम की मैं जपूं रोज माला ।

चैत्र मासिक शिवरात्रि कब है

प्रदोष व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा को समर्पित है। इस दिन व्रत और पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। साथ ही जीवन में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं।

शरण तेरी आयों बांके बिहारी (Sharan Teri Aayo Banke Bihari)

शरण तेरी आयो बांके बिहारी,
शरण तेरी आयों बांके बिहारी ॥

नौरता की रात मैया, गरबे रमवा आणो है (Norta ki Raat Maiya Garba Rambwa Aano Hai)

नौरता की रात मैया,
गरबे रमवा आणो है,

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