हे विनय विनायक विनती करा(Hey Vinay Vinayak Vinati Kara)

हे विनय विनायक विनती करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी,

निर्बल रा बल प्रभु आप ही हो,

निर्धन रा धन प्रभु आप ही हो,

मन मंदिर में सत्कार करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥


हे आदि देव हे अनादि देवा,

थाने भोग लगावा लाडू मेवा,

हे अष्ट सिद्धि नव निधि दाता,

थाने चंवर डुला मनवार करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥


हे विनय विनायक वीनती करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥

गौरी नंदन हे अष्ट विनायक,

दुःख भंजन हे सुखदायक,

भवसागर सु म्हाने पार करो,

थारा चरणा में अरदास करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥


हे विनय विनायक वीनती करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥


भोलेनाथ रा थे भंडारी हो,

आदिशक्ति रा शक्ति प्रभारी हो,

थे जगत पिता त्रिपुरारी हो,

थाने बारम्बार प्रणाम करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥


हे विनय विनायक वीनती करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥


हे विनय विनायक विनती करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी,

निर्बल रा बल प्रभु आप ही हो,

निर्धन रा धन प्रभु आप ही हो,

मन मंदिर में सत्कार करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥

........................................................................................................
जब निर्वस्त्र होकर नहा रहीं गोपियों को नटखट कन्हैया ने पढ़ाया मर्यादा का पाठ

भगवान विष्णु ने रामावतार लेकर जगत को मर्यादा सिखाई और वे मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। वहीं कृष्णावतार में भगवान ने ज्यादातर मौकों पर मर्यादा के विरुद्ध जाकर अपने अधिकारों की रक्षा और सच को सच कहने साहस हम सभी को दिखाया।

सूर्य मंत्र

ॐ सूर्याय नमः
ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकरः

हरछठ (Har Chhath)

हरछठ या हलछठ पर्व के दिन व्रत रखने से संतान-सुख की प्राप्ति होती है। अब आपके दिमाग में हरछठ व्रत को लेकर कई सवाल आ रहे होंगे। तो आइए आज भक्त वत्सल के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि हरछठ पर्व क्या है और इसमें व्रत रखने से हमें क्यों संतान प्राप्ति होती है?

क्या है वैदिक मंत्र पढ़ने के नियम?

धार्मिक शास्त्रों में वैदिक मंत्र जाप को अत्यधिक महत्वपूर्ण बताया गया है। आध्यात्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी वैदिक मंत्र जाप के कई लाभ हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।