हे विनय विनायक विनती करा(Hey Vinay Vinayak Vinati Kara)

हे विनय विनायक विनती करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी,

निर्बल रा बल प्रभु आप ही हो,

निर्धन रा धन प्रभु आप ही हो,

मन मंदिर में सत्कार करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥


हे आदि देव हे अनादि देवा,

थाने भोग लगावा लाडू मेवा,

हे अष्ट सिद्धि नव निधि दाता,

थाने चंवर डुला मनवार करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥


हे विनय विनायक वीनती करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥

गौरी नंदन हे अष्ट विनायक,

दुःख भंजन हे सुखदायक,

भवसागर सु म्हाने पार करो,

थारा चरणा में अरदास करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥


हे विनय विनायक वीनती करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥


भोलेनाथ रा थे भंडारी हो,

आदिशक्ति रा शक्ति प्रभारी हो,

थे जगत पिता त्रिपुरारी हो,

थाने बारम्बार प्रणाम करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥


हे विनय विनायक वीनती करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥


हे विनय विनायक विनती करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी,

निर्बल रा बल प्रभु आप ही हो,

निर्धन रा धन प्रभु आप ही हो,

मन मंदिर में सत्कार करा,

म्हारे आंगन आप पधारो जी ॥

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मेरा आपकी दया से सब काम हो रहा है - भजन (Mera Aap Ki Kripa Se Sab Kam Ho Raha Hai)

मेरा आपकी दया से सब काम हो रहा है।
करते हो तुम कन्हिया मेरा नाम हो रहा है॥

दादी मैं थारी बेटी हूँ (Dadi Mein Thari Beti Hu)

दादी मैं थारी बेटी हूँ,
रखियो मेरी लाज,

आदि अंत मेरा है राम (Aadi Ant Mera Hai Ram)

आदि अंत मेरा है राम,
उन बिन और सकल बेकाम ॥

जनवरी में कब है संकष्टी चतुर्थी

सनातन हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। बता दें कि साल की पहली संकष्टी चतुर्थी लम्बोदर संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जानी जाती है। यह व्रत मुख्य रूप से भगवान गणेश जी और सकट माता की पूजा-अर्चना के लिए प्रसिद्ध है।

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