नैनन में पिचकारी दई,
मोय गारी दई,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय,
क्यों रे लँगर लँगराई मोते कीनी,
ठाड़ौ मुस्काय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥
नेक नकान करत काहू की,
नजर बचावै भैया बलदाऊ की,
पनघट सौ घर लौं बतराय,
घर लौं बतराय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥
औचक कुचन कुमकुमा मारै,
रंग सुरंग सीस ते ढारै,
यह ऊधम सुनि सासु रिसियाय,
सुनि सासु रिसियाय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥
होरी के दिनन मोते दूनौ अटकै,
सालिगराम कौन याहि हटके,
अंग लिपटि हँसि हा हा खाय,
होरी खेली न जायहोरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय,
होरी खेली न जाय ॥
जो भी भला बुरा है,
श्री राम जानते है,
जो देना हो तो मईया,
उपहार ये देना,
जो करते रहोगे भजन धीरे धीरे ।
तो मिल जायेगा वो सजन धीरे धीरे ।
जो खेल गये प्राणो पे, श्री राम के लिए,
एक बार तो हाथ उठालो,