हम नैन बिछाए हैं, हे गणपति आ जाओ (Hum Nain Bichaye Hai Hai Ganpati Aa Jao)

हम नैन बिछाए है,

हे गणपति आ जाओ ॥


गणपति तुम हो बड़े दयालु,

किरपा कर दो हे किरपालु,

हर सांस बुलाए है,

हे गणपति आ जाओ,

हम नैन बिछाए ,

हे गणपति आ जाओ ॥


पाप की गठरी सर पे भारी,

हम को है बस आस तुम्हारी,

बड़ा मन घबराए है,

हे गणपति आ जाओ,

हम नैन बिछाए है,

हे गणपति आ जाओ ॥


जग से हमने तोडा नाता,

गणपति तुमसे जोड़ा नाता,

तुझे नैना निहारे है,

हे गणपति आ जाओ,

हम नैन बिछाए हैं,

हे गणपति आ जाओ ॥


माथे पर सिंदूर है प्यारा,

पीताम्बर है तन पर धारा,

सब आस लगाए है,

हे गणपति आ जाओ,

हम नैन बिछाए हैं,

हे गणपति आ जाओ ॥

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शिलान्यास पूजा विधि

शिलान्यास यानि किसी भी नए भवन या योजना की शुरुआत करना। हिंदू धर्म में किसी भी नई चीज की शुरुआत करने के पहले पूजा करने की परंपरा है। इसी कारण से बहुत से लोग शिलान्यास करने से पहले बहुत से लोग पूजा करते हैं।

प्रभु रामचंद्र के दूता (Prabhu Ramachandra Ke Dootha)

प्रभु रामचंद्र के दूता,
हनुमंता आंजनेया ।

जयति तेऽधिकं जन्मना (Jayati Te Dhikam Janmana)

जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः
श्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि ।

आरती श्रीमद भगवद गीता की (Aarti Shrimad Bhagavad Geeta Ki)

जय भगवद् गीते, माता जय भगवद् गीते।
हरि हिय कमल विहारिणि, सुन्दर सुपुनीते॥

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