हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
मेरे नयनो के तारे है ।
सारे जग के रखवाले है ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
एक भरोसो एक बल,
एक आस विश्वास ।
एक राम घनश्याम हित,
जातक तुलसी दास ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
जो लाखो पापियों को तारे है ।
जो अधमन को उद्धारे है ।
हम उनकी शरण पधारे है ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
शरणागत आर्त निवारे है ।
हम इनके सदा सहारे है ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
गणिका और गिद्ध उद्धारे है ।
हम खड़े उन्हीके के द्वारे है ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं ।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं।
हम राम जी के, राम जी हमारे हैं।
आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥
आरती श्री जनक दुलारी की, सीताजी श्रीरघुवर प्यारी की॥
ॐ जय यमुना माता, हरि ॐ जय यमुना माता।
जो नहावे फल पावे, सुख सम्पत्ति की दाता॥
जय जय भगीरथ-नंदिनी, मुनि-चय चकोर-चन्दिनी,
नर-नाग-बिबुध-वंदिनी, जय जह्नुबालिका।
ॐ जय जगदानन्दी, मैया जय आनंद कन्दी।
ब्रह्मा हरिहर शंकर, रेवा शिव हरि शंकर, रुद्री पालन्ती॥