हम वन के वासी,
नगर जगाने आए ॥
दोहा – वन वन डोले कुछ ना बोले,
सीता जनक दुलारी,
फूल से कोमल मन पर सहती,
दुःख पर्वत से भारी ॥
धर्म नगर के वासी कैसे,
हो गए अत्याचारी,
राज धर्म के कारण लूट गयी,
एक सती सम नारी ॥
हम वन के वासी,
नगर जगाने आए,
सीता को उसका खोया,
माता को उसका खोया,
सम्मान दिलाने आए,
हम वन कें वासी,
नगर जगाने आए ॥
जनक नंदिनी राम प्रिया,
वो रघुकुल की महारानी,
तुम्हरे अपवादो के कारण,
छोड़ गई रजधानी,
महासती भगवती सिया,
तुमसे ना गयी पहचानी,
तुमने ममता की आँखों में,
भर दिया पिर का पानी,
भर दिया पिर का पानी,
उस दुखिया के आंसू लेकर,
उस दुखिया के आंसू लेकर,
आग लगाने आए,
हम वन कें वासी,
नगर जगाने आए ॥
सीता को ही नहीं,
राम को भी दारुण दुःख दीने,
निराधार बातों पर तुमने,
हृदयो के सुख छीने,
पतिव्रत धरम निभाने में,
सीता का नहीं उदाहरण,
क्यों निर्दोष को दोष दिया,
वनवास हुआ किस कारण,
वनवास हुआ किस कारण,
न्ययाशील राजा से उसका,
न्ययाशील राजा से उसका,
न्याय कराने आए,
हम वन कें वासी,
नगर जगाने आए ॥
हम वन के वासी,
नगर जगाने आए,
सीता को उसका खोया,
माता को उसका खोया,
सम्मान दिलाने आए,
हम वन कें वासी,
नगर जगाने आए ॥
होली तिथि 2025: होली खुशियों, उल्लास, रंगों और उत्साह का त्योहार है जिसका हर कोई बेसब्री से इंतजार करता है। लोग अपने सारे गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे पर रंग और गुलाल लगाकर प्यार के रंग में सराबोर हो जाते हैं। होली का त्योहार पूरे देश में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस तिथि पर पूर्व फाल्गुनी नक्षत्र और धृति योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा सिंह राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि है। इस तिथि पर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और शूल योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इस तिथि पर उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र और गण्ड योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कन्या राशि में हैं और सूर्य मीन राशि में मौजूद हैं।