नवीनतम लेख
जब जब हम दादी का,
मंगल पाठ करते हैं,
साछात धनयाणी से,
हम बात करते हैं ॥
जो मंगल पाठ कराते हैं,
उनके रहते हरदम ठाठ,
जहां ये पाठ होता है,
वहां हो खुशियों की बरसात,
जब जब हम दादी की,
जयकार करते हैं,
साछात धनयाणी से,
हम बात करते हैं ॥
कोई चुडला लाता है,
कोई मेहंदी लाता है,
कोई चूनडि लाता है,
कोई गजरा लाता है,
जब जब हम दादीँ का,
सिणगार करते हैं,
साछात धनयाणी से,
हम बात करते हैं ॥
बधाई सबको मिलती है,
खजाना सब कोई पाते हैं,
दादी जी का कैलाशी,
मिलकर लाड लडाते हैं,
जब जब हम दादीँ की,
मनुहार करते है,
साछात धनयाणी से,
हम बात करते हैं ॥
जब जब हम दादी का,
मंगल पाठ करते हैं,
साछात धनयाणी से,
हम बात करते हैं ॥
........................................................................................................'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।