जब जब हम दादी का, मंगल पाठ करते हैं(Jab Jab Hum Dadiji Ka Mangalpath Karte Hai)

जब जब हम दादी का,

मंगल पाठ करते हैं,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥


जो मंगल पाठ कराते हैं,

उनके रहते हरदम ठाठ,

जहां ये पाठ होता है,

वहां हो खुशियों की बरसात,

जब जब हम दादी की,

जयकार करते हैं,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥


कोई चुडला लाता है,

कोई मेहंदी लाता है,

कोई चूनडि लाता है,

कोई गजरा लाता है,

जब जब हम दादीँ का,

सिणगार करते हैं,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥


बधाई सबको मिलती है,

खजाना सब कोई पाते हैं,

दादी जी का कैलाशी,

मिलकर लाड लडाते हैं,

जब जब हम दादीँ की,

मनुहार करते है,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥


जब जब हम दादी का,

मंगल पाठ करते हैं,

साछात धनयाणी से,

हम बात करते हैं ॥

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आरंभ कीजिए, प्रारंभ कीजिए (Aarambh Kijiye, Prarambh Kijiye)

आरंभ कीजिए, प्रारंभ कीजिए,
त्रैलोक्य पूज्य है राम नाम, शुभारंभ कीजिए,

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी(Darshan Do Ghansyam Nath Mori Akhiyan Pyasi Re)

दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी,
अँखियाँ प्यासी रे ।

नर से नारायण बन जायें(Nar Se Narayan Ban Jayen Prabhu Aisa Gyan Hamen Dena)

नर से नारायण बन जायें, प्रभु ऐसा ज्ञान हमें देना॥
दुखियों के दुःख हम दूर करें, श्रम से कष्टों से नहीं डरें।

वो है जग से बेमिसाल सखी

कोई कमी नही है, दर मैय्या के जाके देख।
देगी तुझे दर्शन मैय्या, तू सर को झुका के देख।

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