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जब जब इनके भक्तों पे, कोई संकट आता है(Jab Jab Inke Bhakto Pe Koi Sankat Aata Hai)

जब जब इनके भक्तों पे, कोई संकट आता है(Jab Jab Inke Bhakto Pe Koi Sankat Aata Hai)

जब जब इनके भक्तों पे,

कोई संकट आता है,

मेरा लाल लंगोटे वाला,

पल में दौड़ा आता है ॥


जिसके घर में जलती है,

बजरंगबली की ज्योति,

उसके घर में किसी चीज की,

कभी कमी ना होती,

उस घर में धन दौलत बाबा,

खुद बरसाता है,

मेरा लाल लंगोटे वाला,

पल में दौड़ा आता है ॥


नहीं तेरे सुनवाई होइये,

ना मुमकिन है भैया,

सुख में दुःख में बजरंगी ही,

साथ निभाता है,

मेरा लाल लंगोटे वाला,

पल में दौड़ा आता है ॥


जड़ से खत्म करे संकट को,

वो भारी से भारी,

इसके जैसा बलि ना कोई,

देखि दुनिया सारी,

‘नरसी’ तभी तो ये,

संकट मोचन कहलाता है,

मेरा लाल लंगोटे वाला,

पल में दौड़ा आता है ॥


जब जब इनके भक्तों पे,

कोई संकट आता है,

मेरा लाल लंगोटे वाला,

पल में दौड़ा आता है ॥

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आईआईटियन बाबा अभय सिंह

13 जनवरी से प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। वहीं, मकर संक्रांति के पवित्र स्नान पर करोड़ो साधु-संतों और श्रद्धालुओं ने यहां आस्था की डुबकी भी लगाई है। कुंभ नगरी में बड़ी संख्या में देशभर से साधु-संत भी पहुंचे हैं।

बाबा गंगापुरी, 32 सालों से नहीं किया स्नान

महाकुंभ 2025 में, गंगापुरी महाराज अपनी हाइट को लेकर सुर्ख़ियों में हैं और आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। उनकी हाइट महज 3 फिट है। इतनी लंबाई महज पांच-छह साल के बच्चे की होती है।

कौन हैं बवंडर बाबा

प्रयागराज में 13 जनवरी से जोर शोर से महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। यहां, साधु-संतों के पहुंचने का सिलसिला अभी भी जारी है। इसी क्रम में महाकुंभ में बवंडर बाबा भी पहुंचे हैं।

घर बैठे कल्पवास कर सकते हैं या नहीं?

महाकुंभ में इस वक्त कल्पवासी, कल्पवास कर रहे हैं। कुंभ में हजारों-लाखों लोग कल्पवास व्रत रखते हैं। कल्पवास की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस पर्व के महत्व को समझने के लिए सबसे पहले समझें कि कल्पवास का अर्थ क्या होता है।

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