जबलपुर में काली विराजी है(Jabalpur Mein Kali Viraji Hai)

जबलपुर में काली विराजी है,

तरसे मोरी अंखियां,

दे दर्शन इस लाल को,

जो आऊं तोरि दुअरिया ॥


अरे भगतन खो दर्शन देबे ले लाने,

गढ़ा फाटक में देवी दिखानी है,

जबलपुर में काली विराजी है,

जबलपुर में काली विराजी हैं ॥


अरे रोगी खों काया,

निर्धन खो माया,

देती मात भवानी है,

जबलपुर में काली विराजी हैं ॥


अरे दानव दलन करे,

दुष्टों खों मारे,

ऐसी मां कल्याणी है,

जबलपुर में काली विराजी हैं ॥


अरे तू ही शारदा,

तू ही भवानी,

तू जग की रखवाली है,

जबलपुर में काली विराजी हैं ॥


अरे हाथ जोर सब,

अर्जी लगावें,

द्वारे पे सब नर नारी हैं,

जबलपुर में काली विराजी हैं ॥


अरे भगतन खो दर्शन देबे ले लाने,

गढ़ा फाटक में देवी दिखानी है,

जबलपुर में काली विराजी हैं,

जबलपुर में काली विराजी हैं ॥

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जरा चलके अयोध्या जी में देखों (Jara Chalke Ayodhya Ji Me Dekho)

जरा चल के अयोध्या जी में देखो,
राम सरयू नहाते मिलेंगे ॥

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे (Kabhi Fursat Ho To Jagdambe)

कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे,
निर्धन के घर भी आ जाना ।

पत राखो गौरी के लाल, हम तेरी शरण आये (Pat Rakho Gauri Ke Lal Hum Teri Sharan Aaye)

पत राखो गौरी के लाल,
हम तेरी शरण आये ॥

जपूं नारायणी तेरो नाम (Japu Narayani Tero Naam)

जपूँ नारायणी तेरो नाम,
राणीसती माँ झुँझनवाली,

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