जय हो तेरी गणराज गजानन ॥
दोहा – प्रथमें गौरा जी को वंदना,
द्वितीये आदि गणेश,
तृतीये सिमरा माँ शारदा,
मेरे काटो सकल कलेश ॥
जय हो तेरी गणराज गजानन,
जय हो तेरी गणराज,
प्रथम पूज्य तुम देव हो देवा,
देवो के महाराज,
जय हों तेरी गणराज गजानन,
जय हो तेरी गणराज ॥
सारी दुनिया में तुमसा,
ना दूजा कोई,
जो भी आशा करे,
पूरी तुमसे हुई,
मंगलकर्ता विघ्नहरैया,
पूरण करते काज,
जय हों तेरी गणराज गजानन,
जय हो तेरी गणराज ॥
मांगे दर से तुम्हारे,
तो सब कुछ मिले,
सबका आँगन,
खुशी से है फुले फले,
तीनो लोक के स्वामी हो तुम,
देवो के सरताज,
जय हों तेरी गणराज गजानन,
जय हो तेरी गणराज ॥
जय हों तेरी गणराज गजानन,
जय हो तेरी गणराज,
प्रथम पूज्य तुम देव हो देवा,
देवो के महाराज,
जय हों तेरी गणराज गजानन,
जय हो तेरी गणराज ॥
अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्याम,
अरा रा रा रा भर पिचकारी मारी है फाग मचायो श्या,
भारत के लिए भगवन का
एक वरदान है गंगा
भारत माता तेरा आँचल,
हरा-भरा धानी-धानी ।
भरदे रे श्याम झोली भरदे,
भरदे, ना बहला ओ बातों में,