जय जय देवा जय गणपति देवा,
माता है गौरी पिता महादेवा,
मूषक आपकी सवारी है देवा,
माता है गौरी, पिता महादेवा,
जय जय देवा ॥
एक दन्त दयावन्त चार भुजाधारी,
लड्डुअन का भोग लगे मूसे की सवारी,
भोग लगता मोदक और मेवा,
माता है गौरी पिता महादेवा,
जय जय देवा ॥
सबसे पहले होता है आपका पूजन,
गणपति बप्पा पुकारे सारे भक्तजन,
ऋषि मुनि संत भक्त करे सेवा,
माता है गौरी पिता महादेवा,
जय जय देवा ॥
जो शिव नाम होठों पे चढ़ गयो रे,
तो समझो ये जीवन संवर गयो रे ॥
जो सुमिरत सिधि होइ गन नायक करिबर बदन ॥
करउ अनुग्रह सोइ बुद्धि रासि सुभ गुन सदन ॥ 1 ॥
जो तू मिटाना चाहे,
जीवन की तृष्णा,
जो विधि कर्म में लिखे विधाता,
मिटाने वाला कोई नहीं,