जय जय गणराज मनाऊँ,
चरणों में शीश नवाऊं,
जब तक सांसे हैं तन में,
तेरा ही ध्यान लगाऊं,
गजानन्द जी हमारे घर आओ,
बुलाते है चले आओ ॥
बड़े भाग हमारे बाबा,
जो शुभ दिन ये आया है,
बैठे है तुम्हारे दर पर,
प्रभु तेरी ही माया है,
हमने प्रभु आस लगाई,
चंदन चौकी बिछवाई,
रूखे सूखे फल मेवा,
निज मन की ज्योत जलाई,
गजानन्द जी हमारे घर आओ,
बुलाते है चले आओ ॥
देवो के महाराजा,
तुम जल्दी से आ जाना,
रिद्धि सिद्धि संग बाबा,
शिव गौरा को ले आना,
ब्रह्मा विष्णु को लाना,
संग रामसिया को लाना,
राधे कृष्णा गोकुल से,
हनुमान को भी बुलवाना,
गजानन्द जी हमारे घर आओ,
बुलाते है चले आओ ॥
शुभ अवसर आंगन में,
सब विघ्न हरो हे देवा,
आकर मंगल कर दो,
हम करते तेरी सेवा,
जो भी आशा है मन में,
आकर पूरी अब कर दो,
खोया है ‘मुकेश’ भजन में,
उसकी पीड़ा सब हर दो,
गजानन्द जी हमारे घर आओ,
बुलाते है चले आओ ॥
जय जय गणराज मनाऊँ,
चरणों में शीश नवाऊं,
जब तक सांसे हैं तन में,
तेरा ही ध्यान लगाऊं,
गजानन्द जी हमारे घर आओ,
बुलाते है चले आओ ॥
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान शिव की पूजा और आराधना के लिए मनाया जाता है। यह त्योहार हर साल फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर हम भगवान शिव की महिमा और उनकी प्रिय चीजों के बारे में बात करने जा रहे हैं। भगवान शिव को आशुतोष कहा जाता है, जिसका अर्थ है तुरंत और तत्काल प्रसन्न होने वाले देवता।
सनातन धर्म में मंत्र और स्तोत्र का विशेष महत्व माना जाता है। धर्म शास्त्रों में मंत्र जाप और स्तोत्र के नियमित पाठ के द्वारा भगवान को प्रसन्न करने का विधान है।
फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि यानी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पूजा के दौरान अगर भगवान शिव के महामंत्रों का जाप किया जाए, तो इससे मृत्यु का भय दूर हो जाता है I