जय जय जननी श्री गणेश की (Jai Jai Janani Shri Ganesh ki)

जय जय जननी श्री गणेश की

जय जय जननी श्री गणेश की

प्रतीभा परमेश्वर परेश की

प्रतीभा परमेश्वर परेश की

जय जय जननी श्री गणेश की


जय महेश मुख चंन्द्र चंन्द्रीका

जय जय जय जय जगत अंबीका

जय महेश मुख चंन्द्र चंन्द्रीका

जय जय जय जय जगत अंबीका


वर दे माँ वरदान दायनी

वर दे माँ वरदान दायनी

बनु दायकी द्वारीकेश

जय जय जननी श्री गणेश की


शविनय विनती सुन हरी आये

आये अपनाये ले जाये

शविनय विनती सुन हरी आये

आये अपनाये ले जाये


सुखद सुखद बेना आये माँ

सुखद सुखद बेना आये माँ

सर्व सुमंगल ग्रीह पर्वेश की

सर्व सुमंगल ग्रीह पर्वेश की

जय जय जननी श्री गणेश की


प्रतीभा परमेश्वर परेश की

जय जय जननी श्री गणेश की

जय जय जननी श्री गणेश की

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सात्विक मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

'मंत्र' का अर्थ है मन को एकाग्र करने और अनावश्यक विचारों से मुक्त करने का एक सरल उपाय। आज की तेज़ भागदौड़ भरी ज़िंदगी में मानसिक शांति प्राप्त करना अत्यंत कठिन हो गया है।

प्रदोष व्रत क्यों रखा जाता है?

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। दरअसल, यह व्रत देवाधिदेव महादेव शिव को ही समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह में दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।

हे भोले नाथ तेरी महिमा निराली (Hey Bholenath Teri Mahima Nirali)

हे भोले नाथ तेरी महिमा निराली,
जाने वो जिस ने तेरी लगन लगाली,

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