जैसे होली में रंग,
रंगो में होली
वैसे कान्हा मेरा,
मैं कान्हा की हो ली
रोम रोम मेरा,
कान्हा से भरा
अब कैसे में खेलूँ री,
आँखमिचोली ॥
मैं तो कान्हा से मिलने अकेली चली,
संग संग मेरे,
सारे रंग चले,
ज़रा बचके रहो,
ज़रा हटके चलो,
बड़ी नटखट है,
नव रंगों की टोली ॥
अब तो तन मन पे श्याम रंग चढा,
कंचन के तन रतन जडा,
बनठन के मैं बैठी,
दुल्हन की तरहा,
कान्हा लेके चला,
मेरे प्रेम की डोली ॥
श्री राम आएंगे श्री राम आएंगे
पलकें बिछाएंगे,
ना चलाओ बाण,
व्यंग के ऐ विभिषण,
जय सिया राम
हे ! हे !..
हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन खान-पान से जुड़े कुछ खास उपाय किए जाते हैं। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।