जम्मू में माँ मात वैष्णो, कलकत्ते में काली (Jammu Mein Maa Maat Vaishno Kalkatte Mein Kali)

जम्मू में माँ मात वैष्णो,

कलकत्ते में काली,

सब की विनती सुनती है,

मेरी मैया शेरोवाली,

जय जय माँ, जय जय माँ,

जय जय माँ, जय जय माँ ॥


रूप अनेको माँ के ये बताऊँ मैं,

जहाँ भी देखूं मैया को ही पाऊं मैं,

मैया का हर द्वार है सच्चा,

जानता हर बच्चा बच्चा,

कही चामुंडा कही पे ज्वाला,

कही पे झंडे वाली,

जय जय माँ, जय जय माँ,

जय जय माँ, जय जय माँ ॥


सच्चे दिल से जो माँ के दर आता है,

जीवन में वो कभी नहीं दुःख पाता है,

गुण गाओ चाहे करोली,

खुशियों से भरती है झोली,

माँ के दर से आज तलक,

कोई लौटा नहीं है खाली,

जय जय माँ, जय जय माँ,

जय जय माँ, जय जय माँ ॥


‘भीमसेन’ बेशक प्यारे आजमा ले तू,

माँ के दर पे सोया भाग्य जगा ले तू,

माँ बेटे का निर्मल नाता,

क्यों ना तेरी समझ में आता,

ममता माँ के भक्तो की तो,

मनती रोज दिवाली,

जय जय माँ, जय जय माँ,

जय जय माँ, जय जय माँ ॥


जम्मू में माँ मात वैष्णो,

कलकत्ते में काली,

सब की विनती सुनती है,

मेरी मैया शेरोवाली,

जय जय माँ, जय जय माँ,

जय जय माँ, जय जय माँ ॥

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बिल्वाष्टकम् (Bilvashtakam)

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रियायुधं, त्रिजन्मपापसंहारं एकबिल्वं शिवार्पणम् ॥1॥

आओ राम भक्त हनुमान, हमारे घर कीर्तन में (Aao Ram Bhakt Hanuman, Hamare Ghar Kirtan Mein)

आओ राम भक्त हनुमान,
हमारे घर कीर्तन में,

जिसके लिए हर मुश्किल, काम आसान है (Jiske Liye Har Mushkil Kaam Aasan Hai)

जिसके लिए हर मुश्किल,
काम आसान है,

भगवान हनुमान जी की पूजा विधि

हनुमान जी की पूजा में विशेष मंत्रों और नियमों का पालन करना अत्यंत शुभ माना जाता है। पूजन की शुरुआत गणपति वंदना से होती है, जिसके बाद हनुमान जी को स्नान, वस्त्र, आभूषण, सिंदूर, धूप-दीप और प्रसाद अर्पित किया जाता है।

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