जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री
दो सबको ये पैगाम घर घर जाओ री
जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री
कौशल्या रानी को सब दो बधाई
आई रे आई घडी शुभ ये आई
मिलके चलो रघु धाम
संग मेरे आओ री
मिलके चलो रघु धाम
संग मेरे आओ री
जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री
दो सबको ये पैगाम घर घर जाओ री
राम लला के दर्शन करलो
पग पंकज पे माथा धरलो
पावन है इनका नाम
पल पल ध्याओ री
पावन है इनका नाम
पल पल ध्याओ री
जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री
दो सबको ये पैगाम घर घर जाओ री
दशरथ के अंगना बजी शहनाई
दुल्हन के जैसी अयोध्या सजाई
खुशियों की है ये शाम
दीप जलाओ री
खुशियों की है ये शाम
दीप जलाओ री
जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री
दो सबको ये पैगाम घर घर जाओ री
आज बिरज में होरी रे रसिया
आज बिरज में होरी रे रसिया ।
आज है आनंद बाबा नन्द के भवन में,
ऐसा ना आनंद छाया कभी त्रिभुवन में,
आये है दिन सावन के,
गंगा जल से भर के गगरिया,
आये जी आये नवराते आये,
भक्तों को मैया दर्शन दिखाएं,