जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री (Janme Avadh Me Ram Mangal Gao Ri)

जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री

दो सबको ये पैगाम घर घर जाओ री

जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री


कौशल्या रानी को सब दो बधाई

आई रे आई घडी शुभ ये आई

मिलके चलो रघु धाम

संग मेरे आओ री

मिलके चलो रघु धाम

संग मेरे आओ री


जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री

दो सबको ये पैगाम घर घर जाओ री


राम लला के दर्शन करलो

पग पंकज पे माथा धरलो

पावन है इनका नाम

पल पल ध्याओ री

पावन है इनका नाम

पल पल ध्याओ री


जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री

दो सबको ये पैगाम घर घर जाओ री


दशरथ के अंगना बजी शहनाई

दुल्हन के जैसी अयोध्या सजाई

खुशियों की है ये शाम

दीप जलाओ री

खुशियों की है ये शाम

दीप जलाओ री


जन्मे अवध में राम मंगल गाओ री

दो सबको ये पैगाम घर घर जाओ री

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भोला भाला तू अंजनी का लाला (Bhola Bhala Tu Anjani Ka Lala)

भोला भाला तू अंजनी का लाला,
है बजरंग बाला,

छठि मैया बुलाए (Chhathi Maiya Bulaye)

बन परदेशिया जे गइल शहर तू
बिसरा के लोग आपन गांव के घर तू

मैया तुम्हारे चरणों में (Maiya Tumhare Charno Me)

मिलता है सच्चा सुख केवल,
मैया तुम्हारे चरणों में,

भगवान परशुराम की पूजा कैसे करें?

भगवान परशुराम का जन्म राजा जीमूतवाहन और उनकी पत्नी रेणुका के घर हुआ था। वे ब्राह्मण कुल से थे, लेकिन उनके कार्यक्षेत्र में शस्त्र-विद्या का ज्ञान और युद्धकला का अभ्यास था। उन्हें भगवान विष्णु के दशावतार में एक माना जाता है। परशुराम जी ने भगवान शिव से भी शिक्षा ली थी।

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