श्री राम नवमी, विजय दशमी, सुंदरकांड, रामचरितमानस कथा और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाये जाने वाला भजन।
जन्मे अवध रघुरइया हो, सब मंगल मनावो
रूप मे अनूप चारो भइया हो,
सब मंगल मनावो,
एक श्याम जो नील कमल हो
या जमुना का निर्मल जल हो
दूजे की है चांद सी गोरइया हो
सब मंगल मनावो,
बरसन सुमन देवगण आये
दरसन का सब लाभ उठाये
तीनो लोक राजा को बधइया हो
सब मंगल मनावो,
जल गये दीपक मनी दिवाली
मंत्री करे खजाना खाली
राही बांटे कामधेनु गइयाँ हो
सब मंगल मनावो,
होलाष्टक होली से ठीक आठ दिन पहले शुरू होता है। यह समय इतना अशुभ माना जाता है कि इसमें कोई भी आशाजनक काम नहीं किया जाता है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि है। इस तिथि पर पुष्य नक्षत्र और शोभन योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कर्क राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। इस तिथि पर आश्लेषा नक्षत्र और अतिगण्ड योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा कर्क राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है। इस तिथि पर मघा नक्षत्र और सुकर्मा योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा सिंह राशि में हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।