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जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ (Japte Raho Subah Shaam Bholenath)

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ (Japte Raho Subah Shaam Bholenath)

जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ,

जग में साँचा तेरा नाम भोलेनाथ,

जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,

जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ ॥


सांझ सवेरे भोलेनाथ के,

मंत्र का कर लो सुमिरन,

इनके सुमिरन से कटती है,

जीवन की हर उलझन,

कर दो मुश्किल सभी,

आसान भोलेनाथ,

जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,

जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ ॥


श्रष्टि के कण कण में केवल,

शिव का रूप समाया,

शिव के रूप की महिमा कोई,

जान कभी नहीं पाया,

तीनो लोको में सबसे,

महान भोलेनाथ,

जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,

जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ ॥


अम्बर जैसी ऊंचाई है और,

सागर सी गहराई,

शिव शंकर के नाम में तो है,

सारी सृष्टि समाई,

सारी सृष्टि का रखते है,

ध्यान भोलेनाथ,

जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,

जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ ॥


सबके कष्ट मिटाते है ये,

सबके काम बनाते,

उसको कष्ट नहीं आते,

जो इनके नाम को ध्याते,

सदा भक्तो का करते,

कल्याण भोलेनाथ,

जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,

जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ ॥


जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ,

जग में साँचा तेरा नाम भोलेनाथ,

जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,

जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ ॥


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कौन हैं महाकुंभ मेले के रक्षक वेणी माधव

प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है, और साधु-संतों का आगमन शुरू हो चुका है। 13 जनवरी से कल्पवासी भी आने लगेंगे, और यह महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान संगम किनारे करोड़ों श्रद्धालु 45 दिनों तक कल्पवास करेंगे।

क्यों झूठे मुंह मंदिर नहीं जाना चाहिए?

हमारे देश में एक पुरानी कहावत है, "झूठे मुंह मंदिर नहीं जाना चाहिए।" इसका मतलब है कि झूठन मूंह वाले को भगवान के मंदिर में नहीं जाना चाहिए। ये बात हमारी धर्म और संस्कृति से जुड़ी हुई है। जब हम मंदिर जाते हैं तो भगवान से मिलने जाते हैं।

कुंभ के प्रयागराज पहुंचने की पूरी गाइड

महाकुंभ 2025 का इंतजार खत्म होने को है। 13 जनवरी को पौष पूर्णिमा से इस भव्य आयोजन की शुरुआत होगी, जो 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन स्नान के साथ संपन्न होगा। संगम में पुण्य की डुबकी लगाने के लिए करोड़ों श्रद्धालु उमड़ेंगे। इस ऐतिहासिक आयोजन को सुगम बनाने के लिए सरकार ने रेल, बस और हवाई सेवाओं को और सशक्त किया है।

महाकुंभ रूकने की व्यवस्था क्या है?

साल 2025 आ चुका है और इंतजार की घड़ियां अब खत्म होने वाली हैं, क्योंकि महाकुंभ मेला 2025 का आयोजन कुछ ही दिनों में शुरू होने वाला है। यह धार्मिक उत्सव 12 साल बाद एक बार फिर प्रयागराज में होगा, जहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचने की उम्मीद है।

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