जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ,
जग में साँचा तेरा नाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ ॥
सांझ सवेरे भोलेनाथ के,
मंत्र का कर लो सुमिरन,
इनके सुमिरन से कटती है,
जीवन की हर उलझन,
कर दो मुश्किल सभी,
आसान भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ ॥
श्रष्टि के कण कण में केवल,
शिव का रूप समाया,
शिव के रूप की महिमा कोई,
जान कभी नहीं पाया,
तीनो लोको में सबसे,
महान भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ ॥
अम्बर जैसी ऊंचाई है और,
सागर सी गहराई,
शिव शंकर के नाम में तो है,
सारी सृष्टि समाई,
सारी सृष्टि का रखते है,
ध्यान भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ ॥
सबके कष्ट मिटाते है ये,
सबके काम बनाते,
उसको कष्ट नहीं आते,
जो इनके नाम को ध्याते,
सदा भक्तो का करते,
कल्याण भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ ॥
जपते रहो सुबह शाम भोलेनाथ,
जग में साँचा तेरा नाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ,
जपते रहों सुबह शाम भोलेनाथ ॥
चोख पुरावो, माटी रंगावो,
आज मेरे पिया घर आवेंगे
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता ।
हमारे साथ श्री रघुनाथ तो
किस बात की चिंता ।
हमें गुरुदेव तेरा सहारा न मिलता ।
ये जीवन हमारा दुबारा न खिलता ॥