जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है (Jara Der Thehro Ram Tamanna Yahi Hai)

जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है

अभी हमने जी भर के देखा नहीं है ॥


कैसी घड़ी आज जीवन की आई ।

अपने ही प्राणो की करते विदाई ।

अब ये अयोध्या हमारी नहीं है ॥


माता कौशल्या की आंखों के तारे।

दशरथ जी के राज दुलारे ।

कभी ये अयोध्या को भुलाना नहीं है ॥


जाओ प्रभु अब समय हो रहा है।

घरों का उजाला भी कम हो रहा है ।

अंधेरी निशा का ठिकाना नहीं है ॥


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ब्रह्मानंदम परम सुखदम(Brahamanandam, Paramsukhdam)

ब्रह्मानंदम परम सुखदम,
केवलम् ज्ञानमूर्तीम्,

चाहे राम भजो चाहे श्याम (Chahe Ram Bhajo Chahe Shyam)

चाहे राम भजो चाहे श्याम,
नाम दोनों हितकारी है,

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बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार यानी दशहरा या विजयादशमी सनातन धर्म का एक प्रमुख और प्रसिद्ध त्योहार है।

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चोला माटी के हे राम,
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