जय बजरंगी बोले, वो कभी ना डोले (Jay Bajrangi Bole Vo Kabhi Na Dole)

बोले बोले रे जयकारा,

जो बाबा का बोले,

जय बजरंगी बोले,

वो कभी ना डोले,

जय बजरंगी बोलें,

वो कभी ना डोले ॥


केसरी नंदन हे जगवंदन,

केसरी नंदन हे जगवंदन,

अंजनी माँ का लाला,

सबसे बढ़कर शक्ति तेरी,

तेरा रूप निराला,

गदा हाथ में लाल लंगोटा,

सिर पे मुकुट निराला,

तन पे लाल सिंदूर लगा के,

लाल देह कर डाला,

तेरे द्वार पे खड़े है,

तेरे भक्त भोले,

जय बजरंगी बोलें,

वो कभी ना डोले ॥


श्री राम का सीता माँ को,

श्री राम का सीता माँ को,

जब सन्देश सुनाया,

अजर अमर रहने का तूने,

वर माता से पाया,

तन मन में तेरे राम बसे है,

राम से ऐसा नाता,

निशदिन राम रटन की तुम तो,

फेरते रहते माला,

पत्ते पत्ते डाली डाली में,

तू राम टटोले,

जय बजरंगी बोलें,

वो कभी ना डोले ॥


बोले बोले रे जयकारा,

जो बाबा का बोले,

जय बजरंगी बोले,

वो कभी ना डोले,

जय बजरंगी बोलें,

वो कभी ना डोले ॥

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आश्विन मास शुक्ल पक्ष की पापांकुशा एकादशी (Ashvin Maas Shukla Paksh Ki Paapaankusha Ekaadashi)

युधिष्ठिर ने फिर पूछा-जनार्दन ! अब आप कृपा कर आश्विन शुक्ल एकादशी का नाम और माहात्म्य मुझे सुनाइये। भगवान् कृष्ण बोले राजन् !

प्रभु राम का सुमिरन कर (Prabhu Ram Ka Sumiran Kar)

प्रभु राम का सुमिरन कर,
हर दुःख मिट जाएगा,

श्री संतोषी माता चालीसा (Shri Santoshi Mata Chalisa)

श्री गणपति पद नाय सिर , धरि हिय शारदा ध्यान ।
सन्तोषी मां की करूँ , कीरति सकल बखान ।

दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ(Dedo Apni Pujarin Ko Vardan Maa)

दे दो अपनी पुजारन को वरदान माँ,
मैया जब तक जियु मैं सुहागन जियु,

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