बोले बोले रे जयकारा,
जो बाबा का बोले,
जय बजरंगी बोले,
वो कभी ना डोले,
जय बजरंगी बोलें,
वो कभी ना डोले ॥
केसरी नंदन हे जगवंदन,
केसरी नंदन हे जगवंदन,
अंजनी माँ का लाला,
सबसे बढ़कर शक्ति तेरी,
तेरा रूप निराला,
गदा हाथ में लाल लंगोटा,
सिर पे मुकुट निराला,
तन पे लाल सिंदूर लगा के,
लाल देह कर डाला,
तेरे द्वार पे खड़े है,
तेरे भक्त भोले,
जय बजरंगी बोलें,
वो कभी ना डोले ॥
श्री राम का सीता माँ को,
श्री राम का सीता माँ को,
जब सन्देश सुनाया,
अजर अमर रहने का तूने,
वर माता से पाया,
तन मन में तेरे राम बसे है,
राम से ऐसा नाता,
निशदिन राम रटन की तुम तो,
फेरते रहते माला,
पत्ते पत्ते डाली डाली में,
तू राम टटोले,
जय बजरंगी बोलें,
वो कभी ना डोले ॥
बोले बोले रे जयकारा,
जो बाबा का बोले,
जय बजरंगी बोले,
वो कभी ना डोले,
जय बजरंगी बोलें,
वो कभी ना डोले ॥
विधाता तू हमारा है,
तू ही विज्ञान दाता है ।
विंध्याचल की विंध्यवासिनी,
नमन करो स्वीकार माँ,
विनती सुनलो मेरे गणराज आज भक्ति क़ा फल दीजिये,
पहले तुमको मनाता हूँ मै देवा कीर्तन सफल कीजिए ॥
विरात्रा री पहाड़ियों में,
धाम थारो म्हाने लागे न्यारो,