झोली भर लो भक्तो,
दौलत बरसे भोले के दरबार,
झोली भर ल्यो जी,
दातारि का क्या कहना है,
दातारि का क्या कहना,
सरकारों की सरकार,
झोली भर ल्यो जी,
झोली भर लो भक्तों,
दौलत बरसे भोले के दरबार,
झोली भर ल्यो जी ॥
रंग रंगीला महीना देखो,
सावन भोले बाबा का,
जैसे सावन बरसे वैसे,
बरसा दे भंडार,
झोली भर ल्यो जी,
झोली भर लो भक्तों,
दौलत बरसे भोले के दरबार,
झोली भर ल्यो जी ॥
देते देते ये ना हारे,
तू लेते थक जाएगा,
भर भर मुट्ठी खूब लुटाए,
ऐसा है दातार,
झोली भर ल्यो जी,
झोली भर लो भक्तों,
दौलत बरसे भोले के दरबार,
झोली भर ल्यो जी ॥
‘बनवारी’ शिव के भक्तो का,
देखा ठाठ निराला जी,
बारह महीना मने दिवाली,
मौज करे परिवार,
झोली भर ल्यो जी,
झोली भर लो भक्तों,
दौलत बरसे भोले के दरबार,
झोली भर ल्यो जी ॥
झोली भर लो भक्तो,
दौलत बरसे भोले के दरबार,
झोली भर ल्यो जी,
दातारि का क्या कहना है,
दातारि का क्या कहना,
सरकारों की सरकार,
झोली भर ल्यो जी,
झोली भर लो भक्तों,
दौलत बरसे भोले के दरबार,
झोली भर ल्यो जी ॥
पौराणिक दृष्टिकोण से अमावस्या को दान-पुण्य, पितृ तर्पण और आध्यात्मिक शांति प्राप्त करने का दिन माना जाता है। मगर इस साल के वैशाख माह की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है, जो 27 अप्रैल को पड़ रही है।
जून का महीना वर्ष का मध्य बिंदु लेकर आता है, जहां ग्रीष्म ऋतु के अंत के साथ ही मानसून की आहट मिलती है। इस मौसम परिवर्तन के साथ-साथ ग्रहों की स्थिति में भी कई महत्वपूर्ण बदलाव होंगेI
जून का महीना स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से विशेष सावधानी की मांग करता है। जहां एक ओर बारिश का आगमन मौसम में ठंडक और नमी लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह संक्रमण, एलर्जी और पाचन संबंधी समस्याओं को भी बढ़ावा देता है।
जून का महीना प्रेम और रिश्तों के क्षेत्र में नए अवसर और भावनात्मक गहराई लेकर आ रहा है। कई राशियों को पुराने संबंधों में सुधार का अवसर मिलेगा, जबकि कुछ को थोड़ी सावधानी और धैर्य से काम लेना होगा।