जिनके हृदय श्री राम बसे,
उन और को नाम लियो ना लियो ।
जिनके हृदय श्री राम बसे,
उन और को नाम लियो ना लियो ।
जिनके हृदय श्री राम ।
कोई मांगे कंचन सी काया,
कोई मांग रहा प्रभु से माया ।
कोई पुण्य करे, कोई दान करे,
कोई दान का रोज बखान करे ।
जिन कन्या धन को दान दियो,
जिन कन्या धन को दान दियो,
उन और को दान दियो ना दियो ॥
जिनके हृदय श्री राम बसे,
उन और को नाम लियो ना लियो ।
जिनके हृदय श्री राम ।
कोई घर में बैठा नमन करे,
कोई हरि मंदिर में भजन करे ।
कोई गंगा यमुना स्नान करे,
कोई काशी जाके ध्यान धरे ।
जिन मात पिता की सेवा की,
जिन मात पिता की सेवा की,
उन तीर्थ स्नान किओ ना किओ ॥
जिनके हृदय श्री राम बसे,
उन और को नाम लियो ना लियो ।
जिनके हृदय श्री राम ।
भोर भई दिन चढ़ गया मेरी अम्बे
हो रही जय जय कार मंदिर विच आरती जय माँ
बन्दौ वीणा पाणि को , देहु आय मोहिं ज्ञान।
पाय बुद्धि रविदास को , करौं चरित्र बखान।
बन्दउ माँ शाकम्भरी, चरणगुरू का धरकर ध्यान ।
शाकम्भरी माँ चालीसा का, करे प्रख्यान ॥
मूर्ति स्वयंभू शारदा, मैहर आन विराज ।
माला, पुस्तक, धारिणी, वीणा कर में साज ॥