जिस भजन में राम का नाम ना हो(Jis Bhajan Mein Ram Ka Nam Na Ho)

जिस भजन में राम का नाम ना हो,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥


चाहे बेटा कितना प्यारा हो,

उसे सिर पे चढ़ाना ना चाहिए,

चाहे बेटी कितनी लाडली हो,

घर घर ने घुमाना ना चाहिए,

जिस भजन में राम का नाम न हों,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥


जिस माँ ने हम को जनम दिया,

दिल उसका दुखाना ना चाहिए,

जिस पिता ने हम को पाला है,

उसे कभी रुलाना ना चाहिए,

जिस भजन में राम का नाम न हों,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥


चाहे पत्नी कितनी प्यारी हो,

उसे भेद बताना ना चाहिए,

चाहे मैया कितनी बैरी हो,

उसे राज़ छुपाना ना चाहिए,

जिस भजन में राम का नाम न हों,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥


जिस भजन में राम का नाम ना हो,

उस भजन को गाना ना चाहिए ॥

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दिसंबर माह के व्रत, त्योहार

दिसंबर माह वर्ष का अंतिम महीना होने के साथ-साथ धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस महीने मार्गशीर्ष और पौष के कई व्रत और त्योहार मनाए जाएंगे।

श्री राधाजी की आरती (Shri Radhaji Ki Aarti)

आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की।
त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेक विराग विकासिनि।

झुमर झलके अम्बा ना, गोरा गाल पे रे(Jhumar Jhalke Amba Na Gora Gaal Pe Re)

झूमर झलके अम्बा ना,
गोरा गाल पे रे,

जिसने मरना सीखा लिया है (Jisane Marana Seekh Liya Hai)

जिसने मरना सीखा लिया है,
जीने का अधिकार उसी को ।

डिसक्लेमर

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