जिस देश में, जिस भेष में, जिस धाम में रहो
राधा रमण, राधा रमण, राधा रमण कहो
जिस धाम में, जिस काम में, जिस नाम में रहो
राधा रमण, राधा रमण, राधा रमण कहो
जिस रंग में, जिस संग में, जिस ढंग में रहो
राधा रमण, राधा रमण, राधा रमण कहो
जिस रोग में, जिस भोग में, जिस योग में रहो
राधा रमण, राधा रमण, राधा रमण कहो
जिस हाल में, जिस चाल में, जिस काल में रहो
राधा रमण, राधा रमण, राधा रमण कहो
जिस ध्यान में, जिस ज्ञान में, परिधान में रहो
राधा रमण, राधा रमण, राधा रमण कहो
हिंदू धर्म में हल्दी को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। हल्दी के बिना कोई भी धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में हल्दी का संबंध देवगुरु बृहस्पति से बताया गया है। इतना ही नहीं किसी भी पूजा-पाठ में हल्दी सबसे महत्वपूर्ण सामग्री मानी जाती है।
प्रयागराज में कुंभ मेले की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। अखाड़ों का आना भी शुरू हो गया है। महर्षि आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में इनकी स्थापना की थी।
हिंदू धर्म में पंचामृत का विशेष महत्व है। यह एक पवित्र मिश्रण है जिसे पूजा-पाठ में और विशेष अवसरों पर भगवान को अर्पित किया जाता है। पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर शामिल होते हैं। इन पांच पवित्र पदार्थों को मिलाकर बनाया गया पंचामृत भगवान को प्रसन्न करने और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है।
ईश्वर से जुड़ने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के अपने खास तरीके हैं। हिंदू धर्म में, प्रार्थना करते समय आंखें बंद कर लेना और हाथ जोड़कर खड़े होते हैं। हाथ जोड़ना सिर्फ एक नमस्कार नहीं है, बल्कि यह विनम्रता, सम्मान और आभार का प्रतीक है।