जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।
जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।
तन का दिया मन की बाती, हरी भजन का तेल रे।
तन का दिया मन की बाती...
काहे को तू घबराता है, ये तो प्रभु का खेल रे।
काहे को तू घबराता है...
॥ जिसकी लागी रे लगन भगवान में...॥
इस दुनिया में कौन बनाये, सबके बिगड़े काम रे।
इस दुनिया में कौन बनाये...
अनहोनी को होनी करदे, उसका नाम है राम रे।
इस दुनिया में कौन बनाये...
॥ जिसकी लागी रे लगन भगवान में...॥
जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।
साल की आखिरी मासिक शिवरात्रि के दिन का बहुत महत्व है। इस दिन भगवान शिव और मांं पार्वती की पूजा होती है। इस दिन व्रत भी रखा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भक्त इस दिन भगवान शिव की उपासना और व्रत करता है उस पर भोलेनाथ जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही उन्हें मनचाहा फल प्रदान करते हैं।
सनातन धर्म में भगवान भोलेनाथ की पूजा-आराधना के लिए प्रदोष व्रत का काफ़ी खास माना गया है। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है।
तेरी मुरली की धुन,
हमने जबसे सुनी,
सुरमय वीणा धारिणी,
सरस्वती कला निधान,