जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।
जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।
तन का दिया मन की बाती, हरी भजन का तेल रे।
तन का दिया मन की बाती...
काहे को तू घबराता है, ये तो प्रभु का खेल रे।
काहे को तू घबराता है...
॥ जिसकी लागी रे लगन भगवान में...॥
इस दुनिया में कौन बनाये, सबके बिगड़े काम रे।
इस दुनिया में कौन बनाये...
अनहोनी को होनी करदे, उसका नाम है राम रे।
इस दुनिया में कौन बनाये...
॥ जिसकी लागी रे लगन भगवान में...॥
जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।
सालभर के इंतजार के बाद फिर एक बार दिवाली का पर्व पूरे देशभर में धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन दिवाली का पावन पर्व मनाया जाता है।
दिवाली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। साल 2024 में दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी।
दिवाली के शुभ अवसर पर मां लक्ष्मी के साथ ही भगवान गणेश जी की पूजा भी की जाती है। गणेश जी को ज्ञान, बुद्धि और समृद्धि का देवता माना जाता है, जबकि मां लक्ष्मी धन और समृद्धि की देवी हैं।
दिवाली पर हम अपने घर में देवी लक्ष्मी के आगमन और उनकी पूजा की पूरी तैयारियां करते हैं। लेकिन मान्यताओं के अनुसार पूजा तभी सफल मानी जाती है जब दिवाली के दिन माता लक्ष्मी के साथ गणेश और भगवान कुबेर का विधिवत पूजन किया जाता है।