जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।
जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।
तन का दिया मन की बाती, हरी भजन का तेल रे।
तन का दिया मन की बाती...
काहे को तू घबराता है, ये तो प्रभु का खेल रे।
काहे को तू घबराता है...
॥ जिसकी लागी रे लगन भगवान में...॥
इस दुनिया में कौन बनाये, सबके बिगड़े काम रे।
इस दुनिया में कौन बनाये...
अनहोनी को होनी करदे, उसका नाम है राम रे।
इस दुनिया में कौन बनाये...
॥ जिसकी लागी रे लगन भगवान में...॥
जिसकी लागी रे लगन भगवान में,
उसका दिया रे जलेगा तूफान में।
प्रयागराज को तीर्थों का राजा कहा जाता है। इस शहर में हिंदुओं के कई धार्मिक स्थान मौजूद हैं। इन्हीं में से एक है प्रयागराज का विश्व प्रसिद्द त्रिवेणी संगम। महाकुंभ में इस संगम पर स्नान करने के लिए करोड़ों श्रद्धालु आते हैं।
आपने अक्सर सुना होगा कि ग्रहण के दौरान खाना अशुभ होता है और लोग तुलसी के पत्ते का उपयोग क्यों करते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण एक अशुभ घटना मानी जाती है। इस दौरान भोजन करने से व्यक्ति के किए गए सभी पुण्य नष्ट हो जाते हैं।
हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को एक अत्यंत पवित्र और शुभ समय माना जाता है। हमारे ऋषि-मुनियों ने ब्रह्म मुहूर्त में उठने को अत्यंत लाभकारी बताया है। धार्मिक ग्रंथों और वेदों में भी इस समय का विशेष महत्व बताया गया है।
हिंदू धर्म में सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। 2025 की शुरुआत में सूर्यदेव मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के मकर राशि में जाने से कई राशि प्रभावित होंगे। सूर्य का मकर गोचर 14 जनवरी 2025 को सुबह 09 बजकर 03 मिनट पर होगा।