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जिसने भी है सच्चे मन से (Jisne Bhi Hai Sacche Man Se)

जिसने भी है सच्चे मन से (Jisne Bhi Hai Sacche Man Se)

जिसने भी है सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया,

खुश होकर के शिव भोले ने,

मनचाहा वरदान दिया,

जिसने भी हैं सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया ॥


सब देवों में देव निराला,

मेरा डमरू वाला है,

सौ बातों की एक बात ये,

भक्तो का रखवाला है,

भक्तो का हर काम प्रभु ने,

पल में तुरत संवार दिया,

खुश होकर के शिव भोले ने,

मनचाहा वरदान दिया,

जिसने भी हैं सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया ॥


देवों को अमृत मंथन में,

हिरे मोती लुटा दिए,

जब विष की बारी आई तो,

उसको कैसे कौन पिए,

नीलकंठ था नाम पड़ा तेरा,

जब तुमने विषपान किया,

खुश होकर के शिव भोले ने,

मनचाहा वरदान दिया,

जिसने भी हैं सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया ॥


भांग धतूरा खाकर भोला,

पर्वत ऊपर वास करे,

संग विराजे पार्वती माँ,

जो भक्तो के कष्ट हरे,

शिवशक्ति के सुमिरण ने,

भक्तो का बेड़ा पार किया,

खुश होकर के शिव भोले ने,

मनचाहा वरदान दिया,

जिसने भी हैं सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया ॥


जिसने भी है सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया,

खुश होकर के शिव भोले ने,

मनचाहा वरदान दिया,

जिसने भी हैं सच्चे मन से,

शिव भोले का ध्यान किया ॥

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दुर्गाष्टमी में क्या करें और क्या नहीं

मासिक दुर्गाष्टमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसे हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह दिन मां दुर्गा की आराधना और व्रत के लिए शुभ माना जाता है।

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मां दुर्गा के पवित्र मंत्र

मार्गशीर्ष माह की दुर्गाष्टमी का दिन मां दुर्गा की आराधना और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस साल मार्गशीर्ष दुर्गाष्टमी 8 दिसंबर 2024, रविवार को पड़ रही है।

दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा को क्या भोग लगाएं

हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत अत्यंत शुभ माना गया है। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत के साथ उन्हें विशेष भोग अर्पित करने का विधान है।

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