जिसने दी है मुझे पहचान,
वो अंजनी का लाला है,
जिससे परिवार मेरा खुशहाल,
वो अंजनी का लाला है,
जिसने दी हैं मुझे पहचान,
वो अंजनी का लाला है ॥
सालासर दरबार निराला,
यहाँ कटता है संकट सारा,
जो सुने भक्तो की फरियाद,
वो अंजनी का लाला है,
वो अंजनी का लाला है,
जिसने दी हैं मुझे पहचान,
वो अंजनी का लाला है ॥
कोई भक्त नहीं है ऐसा,
मेरे बालाजी के जैसा,
जिनके ह्रदय में है श्री राम,
वो राम जी का प्यारा है,
वो अंजनी का लाला है,
जिसने दी हैं मुझे पहचान,
वो अंजनी का लाला है ॥
ये दुनिया मतलब की साथी,
बालाजी बस साथ निभासी,
जिनके चरणों में जाऊं बलिहार,
वो बजरंग बाला है,
वो अंजनी का लाला है,
जिसने दी हैं मुझे पहचान,
वो अंजनी का लाला है ॥
मुश्किल घड़ियों में साथ निभाता,
जो बाबा को अरदास लगाता,
ऐसे महावीर से प्रीति लगा,
की होगा तेरा बेडा पार,
बालाजी करेंगे उद्धार,
जिसने दी हैं मुझे पहचान,
वो अंजनी का लाला है ॥
जिसने दी है मुझे पहचान,
वो अंजनी का लाला है,
जिससे परिवार मेरा खुशहाल,
वो अंजनी का लाला है,
जिसने दी हैं मुझे पहचान,
वो अंजनी का लाला है ॥
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि है। वहीं आज गुरुवार का दिन है। इस तिथि पर रोहिणी नक्षत्र और विष्कुम्भ योग का संयोग बन रहा है। वहीं चंद्रमा वृषभ राशि में संचार कर रहे हैं और सूर्य कुंभ राशि में मौजूद हैं।
हिंदू धर्म में पांच विशेष दिन माने गए हैं जिन्हें अबुझ मुहूर्त कहा जाता है। इन दिनों में कोई भी शुभ कार्य बिना शुभ मुहूर्त देखे किया जा सकता है। हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का बहुत महत्व है। खासकर विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए।
हिंदू धर्म में किसी भी शुभ कार्य या मांगलिक कार्य को शुरू करने से पहले मुहूर्त का ध्यान रखा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हर महीने में एक ऐसा समय आता है जो अशुभ माना जाता है? जी हां, हम बात कर रहे हैं पंचक काल के बारे में, जो हर महीने में आता है। इसकी अवधि 5 दिनों की होती है, जिसमें कोई शुभ कार्य नहीं किया जाना चाहिए।
हिंदू धर्म में खरमास का विशेष महत्व है, जो एक महीने की अवधि के लिए अशुभ माना जाता है। इस दौरान विवाह समेत किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं।