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जो भी भला बुरा है, श्री राम जानते है (Jo Bhi Bhala Bura Hai Shri Ram Jante Hain)

जो भी भला बुरा है, श्री राम जानते है (Jo Bhi Bhala Bura Hai Shri Ram Jante Hain)

जो भी भला बुरा है,

श्री राम जानते है,

बन्दे के दिल में क्या है,

मेरे राम जानते है,

जो भी भला बुरा हैं,

श्री राम जानते है ॥


आता कहाँ से कोई,

जाता कहाँ है कोई,

आता कहाँ से कोई,

जाता कहाँ है कोई,

युग युग से इस गति को,

मेरे राम जानते है,

जो भी भला बुरा हैं,

श्री राम जानते है ॥


नेकी बदी को अपनी,

जितना भी हम छुपा ले,

नेकी बदी को अपनी,

जितना भी हम छुपा ले,

श्री राम को पता है,

मेरे राम जानते है,

जो भी भला बुरा हैं,

श्री राम जानते है ॥


किस्मत के नाम को तो,

सब जानते है लेकिन,

किस्मत के नाम को तो,

सब जानते है लेकिन,

किस्मत में क्या लिखा है,

मेरे राम जानते है,

जो भी भला बुरा हैं,

श्री राम जानते है ॥


जो भी भला बुरा है,

श्री राम जानते है,

बन्दे के दिल में क्या है,

मेरे राम जानते है,

जो भी भला बुरा हैं,

श्री राम जानते है ॥

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144 बाद कुंभ में ये दुर्लभ संयोग

प्रयागराज में महाकुंभ की शुरुआत हो चुकी है। करोड़ों श्रद्धालु और लाखों साधु संत त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए पहुंचने वाले हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है। इसका सीधा संबंध देवताओं से जुड़ा हुआ है।

प्रयागराज के 5 ऐतिहासिक और धार्मिक मंदिर

महाकुंभ 2025 की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इस पवित्र अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम तट पर एकत्र होने के लिए तैयार हैं। यदि आप भी इस आध्यात्मिक महासमागम का हिस्सा बनने जा रहे हैं, तो प्रयागराज के इन 5 प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन करना न भूलें।

किस राजा के नाम पर रखा गया प्रयाग का नाम?

महाकुंभ 2025 का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है। प्रयाग को हिंदू धर्म में तीर्थों का राजा कहा जाता है। यह शहर हजारों मंदिरों के साथ ऐतिहासिक और पौराणिक कथाओं का केंद्र भी रहा है। हर साल यहां लाखों श्रद्धालु मोक्ष प्राप्ती के लिए आते हैं।

महाकुंभ के पहले दिन बन रहा शुभ संयोग

हर 12 साल में कुंभ का आयोजन होता है। यह हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा समागम है। इसे आध्यात्मिक ऊर्जा और आस्था का पर्व कहा जाता है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु विभिन्न तीर्थों में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर स्नान करने के लिए आते हैं ।

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