जो देना हो तो मईया,
उपहार ये देना,
तेरी ममता पर थोड़ा,
अधिकार दे देना,
जो देना हों तों मईया,
उपहार ये देना ॥
वैसे तो पहले ही,
काफी है ये तोहफा,
तू है मेरी मैया है,
मैं हूँ तेरा बेटा,
बेटा का जिस पर हक़ है,
वो प्यार दे देना,
जो देना हों तों मईया,
उपहार ये देना ॥
दौलत से जीने के,
साधन तो मिल जाए,
पर माँ की ममता को,
लेने कहाँ जाए,
मुझको है बस ममता की,
दरकार दे देना,
जो देना हों तों मईया,
उपहार ये देना ॥
अमृत में ममता का,
जो अंश ना होता,
तो विष और अमृत में,
कोई फर्क ना होता,
‘सोनू’ को उस अमृत की,
एक धार दे देना,
तेरी ममता पर थोड़ा,
अधिकार दे देना,
जो देना हों तों मईया,
उपहार ये देना ॥
जो देना हो तो मईया,
उपहार ये देना,
तेरी ममता पर थोड़ा,
अधिकार दे देना,
जो देना हों तों मईया,
उपहार ये देना ॥
साल 2025 में अपने नन्हे मेहमान के आगमन के साथ आप उनके नामकरण संस्कार की तैयारी में जुट गए होंगे। यह एक ऐसा पल है जो न केवल आपके परिवार के लिए बल्कि आपके बच्चे के भविष्य के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है।
हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि और मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व है। यह दोनों तिथियां भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित हैं। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है और जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
साल 2025 में कुल 2 चंद्र ग्रहण लगेंगे। लेकिन यह दोनों ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे इसलिए इसका कोई धार्मिक प्रभाव नहीं माना जाएगा। साथ ही इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
बच्चे के जन्म के बाद हिंदू परंपरा में एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान किया जाता है जिसे मुंडन संस्कार कहा जाता है। यह अनुष्ठान न केवल धार्मिक महत्व रखता है बल्कि यह व्यक्ति की आत्मा की शुद्धि और नई शुरुआत का प्रतीक भी है।