Logo

काले काले बदरा, घिर घिर आ रहे है (Kaale Kaale Badra Ghir Ghir Aa Rahe Hai)

काले काले बदरा, घिर घिर आ रहे है (Kaale Kaale Badra Ghir Ghir Aa Rahe Hai)

काले काले बदरा,

घिर घिर आ रहे है,

ऐ जी झूला डालो,

हम्बे झूला डालो,

कदम्ब की डाल,

कारे कारे बदरा,

घिर घिर आ रहे है,

लम्बे लम्बे झोटा,

राधा रानी ले रही है,

ऐ जी कोई नन्ही नन्ही,

हम्बे कोई नन्ही नन्ही,

परत फुहार,

कारे कारे बदरा,

घिर घिर आ रहे है ॥


झूला पे मोहन,

श्यामा संग झूलते जी,

ऐ जी गोपी गाती है,

हम्बे गोपी गाती है,

राग मल्हार,

कारे कारे बदरा,

घिर घिर आ रहे है ॥


चंपा चमेली जूही,

मोगरा खिल रहे जी,

ऐ जी कोई शीतल,

ऐ जी कोई शीतल,

चलत बयार,

कारे कारे बदरा,

घिर घिर आ रहे है ॥


कदम्ब की डाली काली,

कोयलिया गा रही जी,

ऐ जी दादुर पपिहन की,

ऐ जी दादुर पपिहन की,

सुरीली मस्त पुकार,

कारे कारे बदरा,

घिर घिर आ रहे है ॥


राधा की पायल कान्हा की,

बंसी बज रही,

ऐ जी दास प्रेमी के,

ऐ जी दास प्रेमी के,

लड़ी है अखियाँ चार,

कारे कारे बदरा,

घिर घिर आ रहे है ॥


काले काले बदरा,

घिर घिर आ रहे है,

ऐ जी झूला डालो,

हम्बे झूला डालो,

कदम्ब की डाल,

कारे कारे बदरा,

घिर घिर आ रहे है,

लम्बे लम्बे झोटा,

राधा रानी ले रही है,

ऐ जी कोई नन्ही नन्ही,

हम्बे कोई नन्ही नन्ही,

परत फुहार,

कारे कारे बदरा,

घिर घिर आ रहे है ॥


........................................................................................................
Vahan Kharidane Shubh Muhurat 2025 (साल 2025 में वाहन खरीदी के शुभ मुहूर्त)

वाहन खरीदना एक महत्वपूर्ण काम होता है जहां आपका एक सपना वास्तविकता में बदलने वाला होता है। हिंदू धर्म में जिस तरह लोग मांगलिक कार्य से पहले शुभ मुहूर्त देखते हैं उसी तरह संपत्ति, वाहन, भूमि खरीदने से पहले भी शुभ मुहूर्त देखा जाता है।

गणेश विसर्जन की परंपरा कैसे शुरू हुई

सनातन धर्म में गणेश चतुर्थी का पर्व धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दौरान भक्त पूरी श्रद्धा के साथ गणपति जी का अपने घर में स्वागत करते हैं। इस उत्सव को 10 दिनों तक मनाया जाता है। लोग अपनी श्रद्धा के अनुसार, डेढ़ दिन, 3 दिन, 5 दिन, 7 दिन या 10 दिनों के लिए गणेश जी की स्थापना करते हैं।

नागा भभूत क्यों लगाते हैं?

नागा साधु अपने पूरे शरीर पर भभूत लगाते हैं। ये हमेशा नग्न अवस्था में ही नजर आते हैं। चाहे कोई भी मौसम हो, उनके शरीर पर वस्त्र नहीं होते। वे शरीर पर भस्म लपेटकर घूमते हैं। नागाओं में भी दिगंबर साधु ही शरीर पर भभूत लगाते हैं। यह भभूत ही उनका वस्त्र और श्रृंगार होता है। यह भभूत उन्हें बहुत सारी आपदाओं से बचाता भी है।

नागा साधु किसकी पूजा करते हैं?

नागा साधु भारत की प्राचीन धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे केवल सनातन धर्म के संरक्षक भी माने जाते हैं। इनका जीवन कठोर तपस्चर्या, शैव परंपराओं और भगवान शिव की भक्ति में बीतता है। नागा साधु धार्मिक अनुष्ठानों के विशेषज्ञ होते हैं। साथ ही हिंदू धर्म की रक्षा में भी ऐतिहासिक योगदान भी देते हैं।

यह भी जाने

संबंधित लेख

HomeAartiAartiTempleTempleKundliKundliPanchangPanchang