कब सुधि लोगे मेरे राम (Kab Sudhi Loge Mere Ram)

कब सुधि लोगे मेरे राम,

मैं तो नैन बिछाई तेरी राह में,

कब सुध लोगे मेरे राम ॥


नित उठ भोर को,

डगर बुहारूं,

मैं तो राह निहारूं,

विरह के दिन मैं,

रो रो गुजारूं मैं तो,

तुझको पुकारूँ,

लोगे खबर कब राम,

मैं तो नैन बिछाई तेरी राह में,

कब सुध लोगे मेरे राम ॥


थक नैन भी,

मन को निराशा अब,

होने लगी है,

देर करो ना प्रभु,

धीरज भी अब,

खोने लगी है,

अब एक दिन भी लागे साल,

मैं तो नैन बिछाई तेरी राह में,

कब सुध लोगे मेरे राम ॥


कब सुधि लोगे मेरे राम,

मैं तो नैन बिछाई तेरी राह में,

कब सुध लोगे मेरे राम ॥


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कालाष्टमी व्रत 2024

हर महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव देव की विशेष पूजा की जाती है, जो साधकों को विशेष कार्य में सफलता और सिद्धि प्रदान करते हैं।

आरती श्री जानकीनाथ जी की (Aarti Shri Jankinath Ji Ki)

ॐ जय जानकीनाथा, प्रभु! जय श्रीरघुनाथा।
दोउ कर जोरें बिनवौं, प्रभु! सुनियेबाता॥

गंगा किनारे चले जाणा (Ganga Ke Kinare Chale Jana)

बम बम बम बम भोला
बम बम बम बम भोला

त्रिपुर भैरवी जयंती पर कौन सा पाठ करें?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल त्रिपुर भैरवी जयंती 15 दिसंबर को मनाई जाएगी। यह दिन मां काली को समर्पित है, जो शक्ति और सामर्थ्य की प्रतीक हैं। मां काली की पूजा शास्त्रों में बहुत ही फलदायी मानी गई है।

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