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कब सुधि लोगे मेरे राम (Kab Sudhi Loge Mere Ram)

कब सुधि लोगे मेरे राम (Kab Sudhi Loge Mere Ram)

कब सुधि लोगे मेरे राम,

मैं तो नैन बिछाई तेरी राह में,

कब सुध लोगे मेरे राम ॥


नित उठ भोर को,

डगर बुहारूं,

मैं तो राह निहारूं,

विरह के दिन मैं,

रो रो गुजारूं मैं तो,

तुझको पुकारूँ,

लोगे खबर कब राम,

मैं तो नैन बिछाई तेरी राह में,

कब सुध लोगे मेरे राम ॥


थक नैन भी,

मन को निराशा अब,

होने लगी है,

देर करो ना प्रभु,

धीरज भी अब,

खोने लगी है,

अब एक दिन भी लागे साल,

मैं तो नैन बिछाई तेरी राह में,

कब सुध लोगे मेरे राम ॥


कब सुधि लोगे मेरे राम,

मैं तो नैन बिछाई तेरी राह में,

कब सुध लोगे मेरे राम ॥


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शाही स्नान करने के बाद क्या उपाय करें

महाकुंभ हिंदू धर्म के सबसे बड़े समागमों में से एक है। 13 फरवरी से प्रयागराज में इसकी शुरुआत होने जा रही है। ये 45 दिनों तक चलेगा और 26 फरवरी को शिवरात्रि के मौके पर खत्म होगा।

कौन हैं किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर

अखाड़ों को महाकुंभ की शान माना जाता है। इनके बिना कुंभ अधूरा है। आम तौर पर अखाड़ों में पुरुष और महिला संत होते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि किन्नरों का एक अपना अखाड़ा है। जी हां 2015 में किन्नर अखाड़े की स्थापना हुई थी।

महाकुंभ में किस देवी की पूजा करते हैं किन्नर?

अखाड़े सनातन धर्म में साधु संतों का बड़ा केंद्र है। यही से साधु संत अपनी दीक्षा पूरी कर संन्यास धारण करते हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने 13 अखाड़ों को मान्यता दे रखी है। यह 13 अखाड़े भी 3 संप्रदाय में बंटे हुए हैं।

महाकुंभ में ऐसे करें दान और पुण्य के भागी बनें

प्रयागराज में अब जल्द ही महाकुंभ आरंभ होने जा रहा है और अभी से ही लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। इस पवित्र नगरी में भक्ति का रंग चरम पर देखने को मिल रहा है। इसी बीच, भक्त वत्सल संस्था एक अद्भुत कार्य कर रही है।

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