कभी दुर्गा बनके,
कभी काली बनके,
चली आना,
मैया जी चली आना ॥
ब्रम्हचारिणी रूप में आना,
ब्रम्हचारिणी रूप में आना,
भक्ति हाथ ले के,
शक्ति साथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना ॥
तुम दुर्गा रूप में आना,
तुम दुर्गा रूप में आना,
सिंह साथ ले के,
चक्र हाथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना ॥
तुम काली रूप में आना,
तुम काली रूप में आना,
खप्पर हाथ ले के,
योगिनी साथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना ॥
तुम शीतला रूप में आना,
तुम शीतला रूप में आना,
झाड़ू हाथ ले के,
गधा साथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना ॥
तुम गौरा के रूप में आना,
तुम गौरा के रूप में आना,
माला हाथ ले के,
गणपति साथ ले के,
चली आना,
मैया जी चली आना ॥
कभी दुर्गा बनके,
कभी काली बनके,
चली आना,
मैया जी चली आना ॥
क्या आपके जीवन में निर्णय लेने में दिक्कत आ रही है? क्या पढ़ाई या व्यापार में बार-बार बाधाएं आ रही हैं? अगर हां तो हो सकता है आपकी कुंडली में बुध ग्रह दोष हो।
आस्था, शुद्धता और तपस्या का महापर्व छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के तराई इलाकों में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।
मकर संक्रांति की ग्रह स्थिति तब बनती है जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करता है। इसे सूर्य का मकर संक्रांति में गोचर कहा जाता है। यही समय मकर संक्रांति का प्रमुख क्षण माना जाता है।
पोंगल दक्षिण भारत का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे खासकर तमिलनाडु में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य देवता की उपासना का प्रतीक है और खासकर कृषि उत्पादकता और समृद्धि से जुड़ा हुआ है।